राजस्थान के जलदाय विभाग में बड़ा घोटाला—बिना पाइप लाइन बिछाए ही अफसरों ने कर दिया ठेकेदार को 20 लाख का भुगतान
जयपुरPublished: Sep 07, 2020 10:34:45 am
जमीन के भीतर कुछ भी बिछा दो,जांच चलती रहेगीजयपुर में जिला वृत ग्रामीण में पेयजल लाइन बिछाने में दो साल पहले हुआ था घपलाबगरू में 900 मीटर पाइप लाइन बिछाए बिना ही हुआ था ठेकेदार को 20 लाख का भुगतानमुख्यालय की विजिलेंस विंग नहीं कर सकी दो साल में भी जांच पूरी
,pipe line leakage repair
जयपुर।
जयपुर जिले में जलदाय परियोजनाओं में अफसरों और ठेकेदारों के गठजोड़ से वित्तीय अनिमिताएं हो रही हैं। मामला उजागर भी होता है और विभाग में हो हल्ला होता है तो उच्च अधिकारी चालाकी से पूरे मामले की जांच करने के लिए जल भवन मुख्यालय में विजिलेंस शाखा में भेज देते हैं। इसके बाद यह शाखा जो मामला जांच के लिए भेजा गया है उसे लेकर कभी भी विजिलेंट नहीं रहती है और जांच ठंडे बस्ते में ही रहती है।
जयपुर के जिला ग्रामीण वृत के अधीन बगरू उपखंड में 2018—19 में 35 लाख रुपए की पेयजल परियोजना स्वीकृत हुई। यहां पेयजल लाइन बिछाने का काम तत्कालीन अधिषाशी अभियंता महेन्द्र वर्मा ने खोखर एंटरप्राइजेज को ठेका दिया था। परियोजना के तहत ठेकेदार को डीआई पाइप लाइन बिछानी थी। लेकिन ठेकेदार ने 900 मीटर डीआई पाइप लाइन बिछाने की जगह बेहद की हल्की गुणवत्ता की पाइप लाइन बिछा दी। इसी तरह से परियोजना के लाइन बिछाने के लिए ठेकेदार को रोडकट भी करने थे। लेकिन रोडकट कागजों में ही हो गए और ठेकेदार को तत्कालीन अधिशाषी अभियंता ने फर्म को 20 लाख रुपए का भुगतान कर दिया।
इसी कालखंड में जिला वृत ग्रामीण में सांगानेर के पंवालिया और चाकसू के काठावाला में भी बिना पेयजल लाइन बिछाए ही ठेकाफर्म को भुगतान हुए। बगरू,पंवालियां और काठावाला में में भी इसी फर्म को काम दिया गया था। लेकिन जांच पूरी नहीं होने से इस पूरे मामले की तह तक जांच नहीं हो सकी।
अक्टूबर 2019 में मामले की जांच जल भवन की विजिलेंस शाखा में भेजी गई। शाखा में अधीक्षण अभियंता स्तर के चार अधिकारी तैनात हैं। विजिलेंस शाखा में यह जांच अधीक्षण अभियंता राधेश्याम गुप्ता के अधीन होनी थी। लेकिन दो साल का समय गुजर जाने के बाद भी जांच पूरी नहीं हुई है। अब स्थिति ऐसी है कि इस मामले में लिप्त सभी अधिकारी अन्य जिलों में तबादले करा कर बिना किसी परेशानी के नौकरी कर रहे हैं।
जांच पर आंच—न लाइन बिछाई न रोड़कट किया,उठा