शुक्रवार को महासंघ की ओर से आयोजित संवाददाता सम्मेलन में महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष आयुदान सिंह कविया और प्रदेश महामंत्री तेजसिंह राठौड़ ने बताया कि सरकार गांधीवादी तरीके से कर्मचारियों की मांगों को सुनना ही नहीं चाहती है। अब कर्मचारी आर—पार की लडाई के लिए तैयार हैं। जबकि सरकार की सभी योजनाओं को पूरा करने के लिए कर्मचारी दिन रात काम करते हैं। महासंघ की संघर्ष समिति के प्रदेश संयोजक महावीर प्रसाद शर्मा ने कहा कि 1 से 3 दिसंबर को शिविरों के बहिष्कार से कर्मचारियों की 15 सूत्री लंबित मांगों के लिए एक बड़े आंदोलन की शुरूआत होगी।
मौजूदा सरकार के कार्यकाल में कर्मचारी लंबे समय से अपनी 15 सूत्री मांगों को पूरा कराने के लिए संघर्ष कर रहे हैं। कर्मचारी लगातार आंदोलन भी कर रहे हैं और लगातार सरकार को ज्ञापन भी दे रहे हैं। लेकिन अभी तक भी इनकी मांगों को लेकर सरकार कोई ठोस समाधान नहीं निकाल सकी है और आए दिन कर्मचारी सरकार के खिलाफ आंदोलन कर रहे हैं।