जलदाय विभाग के सूत्रों की माने तो बीते आठ से दस महीने में देखा गया है कि जयपुर शहर में तैनात कई जेईएन से लेकर एक्सीईएन तक जयपुर शहर में पेयजल समस्याओं के समाधान को लेकर ज्यादा गंभीर नहीं दिखे। इससे आम जन में सरकार की छवि भी खराब हुई है और सेवाओं की अदायगी में भी विभाग पीछे रहा है। इसलिए उच्च स्तर पर फील्ड इंजीनियरों की परर्फोंमेंस रिपोर्ट तैयार हो रही है। ग्रामीण क्षेत्रों में तो हालात और भी खराब मिले हैं।
बीते दिनों जलदाय विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव सुधांश पंत ने जयपुर शहर और जिले की पेयजल व्यवस्था की समीक्षा की। उन्होंने एक एक एक्सीएन,एसई से पेयजल समस्याओं के समाधान समेत सभी बिंदुओं पर बारीकी से मंथन किया। इसी बैठक में उन्होंने इंजीनियरों को परफोर्मेंस रिपोर्ट तैयार होने की बात कही।
हांलाकि उच्च स्तर पर अतिरिक्त मुख्य अभियंता कार्यालय में स्थापित एकीकृत नियंत्रण कक्ष की कार्यशैली को बेहतर बताया गया है। जबकि कई बार ऐसा भी हुआ है कि पेयजल समस्या की सूचना मिलने पर अतिरिक्त मुख्य अभियंता मनीष बेनीवाल मौके पर पहुंचे लेकिन फील्ड मेंतैनात फील्ड इंजीनियरों ने आमजन की समस्या को गंभीरता से नहीं लिया।
इन बिंदुओं पर हो रही है परफोर्मेंस रिपोर्ट तैयार
समय सीमा में पेयजल समस्याओं का समाधान किया या नहीं
कार्यालयों में आने वाले आम जन के साथ इंजीनियरर्स का व्यवहार कैसा रहता है
सरकार की पेयजल परियोजनाओं के क्रियान्व्यन को लेकर इंजीनियरों की गंभीरता
सम्पर्क पोर्टल पर दर्ज परिवेदनाओं के समाधान और समाधान की गुणवत्ता और संतुष्ठि का स्तर
समय पर कार्यालय पहुंचते हैं या नहीं
कितने प्रोजेक्ट तय अविधि में पूरे किए और कितने प्रोजेक्ट कितने महीने की देरी से पूरे हुए
सुबह शाम पेयजल सप्लाई की मॉनिटरिंग,पेयजल की गुणवत्ता
ग्रामीण क्षेत्रों में तैनात फील्ड इंजीनियरों के रात्रि विश्राम,पेयजल समस्याओं के समाधान को लेकर गंभीरता