वॉल्व जाम होने की सूचना पर इंजीनियरों में खलबली मच गई और लोगों के फोन घनघनाने लगे। जाम हुए वॉल्व की मरम्मत में तीन घंटे लग गए। इस वजह से इन दोनों इलाकों में सुबह 6 की बजाय 9 बजे जलापूर्ति हो सकी। पड़ताल में सामने आया है कि चारदीवारी में बीसलपुर सिस्टम के वितरण तंत्र को काम में लिया जा रहा है। लेकिन इसके रख रखाव को लेकर इंजीनियर लापरवाह बने हुए हैं। इसका खमियाजा आए दिन चारदीवारी के लोगों को उठाना पड़ रहा है।
चारदीवारी में आए दिन इस तरह की लापरवाही के कारण पेयजल सप्लाई ठप हो जाती है। बड़ी चौपड़ पर कभी वॉल्व लीक होता है तो कभी वॉल्व जाम। इंजीनियर बीसलपुर सिस्टम से चौबीसों घंटे पानी लेते हैं लेकिन इसके रख रखाव को लेकर लापरवाह बने हुए हैं।
जयपुर शहर में पेयजल लाइन टूटने,लीकेज से सबसे ज्यादा मामले भी चारदीवारी में ही सामने आते हैं। इंजीनियरों के अनुसार वाहनों के भारी दबाव के कारण लाइनें टूट रही हैं। दूसरी ओर लीकेज व लाइन टूटने से आए दिन लाखों लीटर महंगा पानी भी बह कर नालियों में चला जाता है। कई बार जेईएन व एईएन को सूचना देने पर भी लीकेज व लाइन टूटने की मरम्मत नहीं की जाती है।