टुकड़ों में करोडों खर्च-फिर भी दूषित पानी का दंश पीएचईडी इंजीनियर्स के अनुसार अभी तक परकोटे की किसी भी चौकड़ी में दूषित पानी आया तो तत्काल पुरानी जर्जर लाइन को हटा कर उसकी जगह डीआइ लाइन को बिछा दिया। लेकिन किसी अन्य चौकड़ी में अगर किसी लाइन में दूषित पानी आ रहा है तो घूम फिर कर यह दूषित पानी नई बिछाई गई डीआइ लाइन में कम या ज्यादा आएगा और फिर लाइन बदलने के बाद भी दूषित पानी की समस्या बनी रहती है। यही कारण रहा है कि टुकड़ों-टुकड़ों में करोडों खर्च करने के बाद भी चारदीवारी के लोगों को दूषित पानी के दंश से निजात नहीं मिल सकी।
इंजीनियर्स का दावा- दो चौकडि़यों में सभी लाइनें बदली पीएचईडी इंजीनियर्स दावा कर रहे हैं कि अमृत मिशन के तहत चौकड़ी मोदीखाना और चौकड़ी विश्वेश्वर में अमृत मिशन के तहत 35 किलोमीटर लंबी जर्जर लाइनें बदली गई। इसका नतीजा यह निकला कि जहां सालाना इन चौकडि़यों में दूषित पानी की 70 से जयादा शिकायतें आती थीं वहीं अब इनकी संख्या शून्य हो गई है। वहीं पानी का प्रेशर भी 5 से 8 पौंड तक बढ गया है।
इन चौकडि़यों में एक साथ बदली जाएंगी लाइनें चौकड़ी पुरानी बस्ती तोपखाना देश चौकड़ी रामचंद्रजी घाटगेट चौकड़ी चौकड़ी तोपखाना हजूरी चौकड़ी गंगापोलचौकड़ी रामगंज समस्या का स्थायी समाधान होआए दिन हम दूषित पानी की समस्या का सामना करते हैं। इंजीनियर आते हैं और काम चलाऊ व्यवस्था करके चले जाते हैं। कुछ दिनों बाद फिर वही हालात हो जाते हैं। सरकार दूषित पानी की समस्या का स्थायी समाधान करे।
-मीना शर्मा, घी वालों का रास्ता चौकड़ी घाटगेट