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13 जिलों में मोबाइल वाटर टेस्टिंग लैब ऑफ़ रोड

locationजयपुरPublished: Sep 30, 2020 10:10:47 am

Submitted by:

anand yadav

20 जिलों में डोर स्टेप पानी गुणवत्ता जांचपानी सैंपल जांच दरों को लेकर हुआ विवाद13 जिलों में फर्म ने पानी गुणवत्ता जांच का काम रोकापीएचईडी ने लगाई पैनल्टी तो फर्म पहुंची कोर्ट

water crisis

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जयपुर। प्रदेश के 20 जिलों के बाशिंदों को सरकारी जलापूर्ति में मिल रहे पानी की गुणवत्ता जांच की डोर स्टेप सुविधा मिलने लगी है। लेकिन प्रदेश के 13 जिलों में पानी गुणवत्ता जांच का काम फिलहाल अधरझूल में लटक रहा है। 13 जिलों में पानी की गुणवत्ता जांचने वाली चयनित फर्म ने काम ही शुरू नहीं किया है। वहीं बीते छह महीने से जांच शुरू करने का मामला कोर्ट में लंबित है। ऐसे में फिलहाल 13 जिलों के पेयजल उपभोक्ताओं को जांच सुविधा कब से मिलेगी इस बारे में संशय है।
जानकारी के अनुसार प्रदेश के सभी 33 जिलों में मोबाइल वाटर टेस्टिंग लेबोरेट्री वैन के माध्यम से सरकारी जलापूर्ति के पानी की गुणवत्ता जांच की कार्य योजना तैयार हुई। जलदाय विभाग ने पहले चरण में 20 जिलों में मोबाइल टेस्टिंग लैब वैन तैनात करने की टेंडर प्रक्रिया शुरू की। दो साल पहले निजी फर्म ने काम भी शुरू कर दिया। उसके बाद शेष 13 जिलों के लिए मोबाइल वैन तैनात करने के लिए टेंडर प्रक्रिया का दूसरा चरण शुरू हुआ।
चयनित निजी फर्म ने पहले तो पानी सैंपल जांच की दरों को लेकर सहमति जताई लेकिन कार्यादेश जारी होने के बाद फर्म 20 जिलों में हो रही पानी जांच दरों के बराबर भुगतान लेने की शर्त पर अड़ गई। फर्म ने इस मामले में विभाग की स्टेट रेफरल सेंटर लेबोरेट्री अधिकारियों को अवगत कराया लेकिन कोई सहमति नहीं बनी। कार्य में देरी के चलते लैब के चीफ केमिस्ट ने फर्म को नोटिस जारी कर पैनल्टी लगाई। जिस पर फर्म कोर्ट चली गई। मामले में कोर्ट ने स्टेट रेफरल सेंटर लैब प्रशासन ने कोर्ट में जवाब भी पेश किया है। हालांकि छह महीने बीत जाने के बाद भी फिलहाल विवाद को लेकर कोई समाधान नहीं निकला है।
लैब अधिकारियों की मानें तो बीस जिलों में प्रति पानी सैंपल जांच के लिए फर्म को विभाग 748 रुपए भुगतान कर रहा है। जबकि शेष 13 जिलों में पानी सैंपल जांच की दर इससे कम होने की बात को लेकर फर्म व विभाग के बीच विवाद हुआ है।
यहां अटकी जांच
जयपुर शहर, जयपुर देहात, भरतपुर, करौली, धौलपुर, सवाईमाधोपुर, बीकानेर, चूरू, हनुमानगढ़, गंगानगर, अलवर, झुंझुनूं, दौसा, सीकर


इनका कहना है— कार्यादेश जारी होने के बाद निजी फर्म को चयनित जिलों में पानी सैंपलों की जांच करनी है। लेकिन फर्म काम शुरू नहीं कर रही है। मामले में नोटिस दिया जिस पर फर्म अब कोर्ट चली गई है। कोर्ट ने इस बारे में जवाब मांगा जिस पर जवाब पेश किया गया है। राकेश माथुर,चीफ केमिस्ट, स्टेट रेफरल सेंटर लेबोरेट्री, पीएचईडी जयपुर

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