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पानी किल्लत समाधान नहीं, विभाग को जलदाय अभियंता लगा रहे चूना

locationजयपुरPublished: Aug 09, 2018 11:08:04 am

Submitted by:

anand yadav

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Drinking water

drinking Water crisis deepens in Arthandi

जयपुर। शहर में पेयजल किल्लत का बहाना कर जलदाय विभाग के अभियंता विभाग का ही खजाना खाली करने में जुटे हुए हैं। मामला रेलवे लाइनों के नजदीक खोदे जा रहे सरकारी ट्यूबवैलों का है। कोर्ट ने रेलवे लाइनों से सौ मीटर दूरी तक बिजली का नया कनेक्शन जारी करने पर रोक लगा रखी है। जलदाय अभियंताओं को नियमों की जानकारी तो है लेकिन फिर भी मनमाने ढंग से ट्यूबवैल खोदने के आदेश जारी हो रहे हैं।

जानकारी के अनुसार जलदाय विभाग के दक्षिण खंड में उपखंड दस में जयपुर सवाई माधोपुर रेलवे लाइन से सौ मीटर दायरे में अभियंताओं ने ट्यूबवैल खुदवाए हैं। ट्यूबवेल चालू करने के बारे में जानकारी चाहने पर खुद अभियंताओं ने बिजली कनेक्शन पर रोक होने की बात तो मानी लेकिन ट्यूबवेल इस स्थिति में भी क्यों खोदे गए इसका कोई ठोस जवाब नहीं दे सके। बताया जा रहा है कि पास ही पूर्व में खोदे गए ट्यूबवेल सूखने के कारण नए ट्यूबवेल खोदे गए हैं और पुराने ट्यूबवेलों के बिजली कनेक्शनों को शिफ्ट कर नए ट्यूबवेल से जोड़ने की तैयारी हो रही है। फिलहाल मामला विद्युत निगम उपखंड कार्यालय में लंबित होने से नए ट्यूबवेल से पानी का दोहन शुरू नहीं हो सका है। जलदाय सहायक अभियंता भोमाराम ने बताया कि रेलवे लाइन के नजदीक ट्यूबवेल खोदने व बिजली कनेक्शन देने पर तो रोक है लेकिन रेलवे लाइन के नजदीक बिजली ट्रांसफार्मर लगाने को लेकर कोई गाइड लाइन तय नहीं है। मामला पेयजल आपूर्ति से जुड़ा है निगम के आला अफसरों से इस बारे में बात की जाएगी।
गौरतलब है कि बीते चार साल में जलदाय विभाग ने रेलवे लाइनों से तय परिधि में दर्जनों ट्यूबवेल खुदवाए हैं जिनमें से कई ट्यूबवेल आज तक बिजली कनेक्शन होने का इंतजार कर रहे हैं। बिना बिजली कनेक्शन हुए ही ट्यूबवेलों की डिफेक्ट लायबिलिटी खत्म हो चुकी है जबकि इन ट्यूबवेलों से आज तक एक बूंद पानी का दोहन भी नहीं हुआ है।
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