शेखावत पूरी बैठक में राजस्थान में जेजेएम की धीमी रफ्तार से खफा नजर आए और विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव सुबोध अग्रवाल व इंजीनियरों से नाराजगी भी जताई। बैठक खत्म होने के बाद शेखावत ने पत्रकारों से कहा कि केन्द्र सरकार ने राजस्थान को जेजेएम के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में जल कनेक्शन के लिए 2019 से लेकर अब तक 27 हजार करोड़ रुपए दिए, लेकिन राज्य सरकार इस बजट में से 4 हजार करोड़ रुपए ही ले सकी और इसमें से भी 3 हजार 500 करोड़ रुपए ही खर्च हुए, 23 हजार करोड़ रुपए का बजट लेप्स हो गया।
जेजेएम में राजस्थान की छवि खराब शेखावत ने कहा कि जल जीवन मिशन की प्रदेश में जो हालत है, उससे पूरे देश में राजस्थान की छवि खराब हो चुकी है। जेजेएम जब शुरू हुआ तब हम जल कनेक्शन के राष्ट्रीय औसत से चार प्रतिशत पीछे थे, लेकिन आज 16 प्रतिशत पीछे हैं। उन्होंने कहा कि मैं देश के कई राज्यों में जाता हूं और वहां काम की धीमी गति पर अफसरों को डांटता हूं तो अफसर कह देते हैं कि आपके राज्य में ही मिशन पिछड़ रहा है। यह सुन कर मुझे शर्म आती है कि मैं राजस्थान से हूं। उन्होंने राज्य सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि राजस्थान में कागजों में ही तकनीकी स्वीकृतियां जारी कर दी गई और उसे ही जल कनेक्शन मान लिया गया।
राजनीति नहीं छोड़ेगे तो ईआरसीपी विवाद का समाधान नहीं होगा शेखावत ने पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना (ईआरसीपी) को लेकर कहा कि हमने राज्य के जलदाय मंत्री महेश जोशी से आग्रह किया है कि जब तक हम राजनीति नहीं छोडेंगे तब तक इसका समाधान नहीं होगा। इस परियोजना की संकल्पना हमारी ही सरकार के समय हुई। 13 जिलों की पेयजल और सिचाई की समस्या के समाधान की कोशिश शुरू हुई, जहां तक राज्य की कांग्रेस सरकार के प्रयासों की बात है तो इस परियोजना को लेकर दिल्ली में किसी ने न मुझसे और ना ही मेरे कार्यालय में आकर बात की।
पहले से तय थी बैठक, फिर भी नहीं आए पूरे सांसद
सांसदों की जल जीवन मिशन में भूमिका को लेकर हुई यह बैठक पहले से ही तय थी। इसके बावजूद भी प्रदेश के 25 लोकसभा सांसदों में से 17 ही सांसद बैठक में पहुंचे। केन्द्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल, सांसद पी पी चौधरी, बाबा बालकनाथ, दुष्यंत सिंह, निहाल चंद मेघवाल, नरेन्द्र खींचड़, अर्जुन मीना सहित कुल आठ सांसद बैठक में नहीं पहुंचे। यह बैठक इसलिए रखी गई थी कि दिल्ली में सांसदों ने यह आरोप लगाया था कि जल जीवन मिशन में क्या काम हो रहा है। इस बारे में हमसे किसी तरह की कोई बात प्रदेश में नहीं की जा रही है।
सांसदों की जल जीवन मिशन में भूमिका को लेकर हुई यह बैठक पहले से ही तय थी। इसके बावजूद भी प्रदेश के 25 लोकसभा सांसदों में से 17 ही सांसद बैठक में पहुंचे। केन्द्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल, सांसद पी पी चौधरी, बाबा बालकनाथ, दुष्यंत सिंह, निहाल चंद मेघवाल, नरेन्द्र खींचड़, अर्जुन मीना सहित कुल आठ सांसद बैठक में नहीं पहुंचे। यह बैठक इसलिए रखी गई थी कि दिल्ली में सांसदों ने यह आरोप लगाया था कि जल जीवन मिशन में क्या काम हो रहा है। इस बारे में हमसे किसी तरह की कोई बात प्रदेश में नहीं की जा रही है।
जयपुर सांसद ने उठाया बगरु और विद्याधर नगर में पानी का मामला जयपुर सांसद रामचरण बोहरा ने बैठक में कहा कि बगरू विधानसभा में 27 गांवों को जेजेएम में चयनित किया गया है। पाइपलाइन डाल दी गई है, लेकिन पानी मिलना शुरू नहीं हुआ है। बगरू विधानसभा के लिए तत्कालीन भाजपा सरकार के समय बीसलपुर से पानी लाने की योजना बनी थी, लेकिन इस योजना पर काम शुरू नहीं हुआ है। इसी तरह विद्याधर नगर विधानसभा के कई इलाके बीसलपुर के पानी से वंचित है। यहां भी बीसलपुर का पानी पहुंचाया जाए।
जोशी ने कहा मिशन को 2026 तक बढ़ाया जाए
जोशी ने कहा मिशन को 2026 तक बढ़ाया जाए
जलदाय मंत्री महेश जोशी ने बैठक में स्वीकार किया कि जेजेएम में काम की रफ्तार धीमी है। उन्होंने कहा कि केन्द्र और राज्य के हिस्से की राशि को 90-10 के अनुपात में किया जाए। उन्होंने कहा कि जल जीवन मिशन को पूरा करने का समय 2024 की जगह 2026 तक बढ़ाया जाए।
ईआरसीपी में देरी के लिए केन्द्र-राज्य दोनो जिम्मेदार
नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल ने पत्रकारों से कहा कि प्रदेश के 13 जिलों के लिए गंगा साबित होने वाली पूर्वी रास्थान नहर परियोजना में देरी के लिए राज्य सरकार और केन्द्र सरकार दोनो जिम्मेदार है। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि जितने संसाधन केन्द्र के पास हैं , उतने राज्य के पास नहीं है। मध्यप्रदेश में भी भाजपा की सरकार है और केन्द्र चाहे तो तत्काल एनओसी दिला सकता है। इस मामले को मैंने पांच बार लोकसभा में उठाया है। पांच सितारा होटल में बैठक के सवाल पर उन्होंने कहा कि मैं तो यह देखने आया था कि पांच सितारा होटल में बैठक कैसे होती है। यहां हमे किस ब्रांड का पानी पिलाया जाता है और गांव का गरीब कैसा पानी पी रहा है।
नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल ने पत्रकारों से कहा कि प्रदेश के 13 जिलों के लिए गंगा साबित होने वाली पूर्वी रास्थान नहर परियोजना में देरी के लिए राज्य सरकार और केन्द्र सरकार दोनो जिम्मेदार है। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि जितने संसाधन केन्द्र के पास हैं , उतने राज्य के पास नहीं है। मध्यप्रदेश में भी भाजपा की सरकार है और केन्द्र चाहे तो तत्काल एनओसी दिला सकता है। इस मामले को मैंने पांच बार लोकसभा में उठाया है। पांच सितारा होटल में बैठक के सवाल पर उन्होंने कहा कि मैं तो यह देखने आया था कि पांच सितारा होटल में बैठक कैसे होती है। यहां हमे किस ब्रांड का पानी पिलाया जाता है और गांव का गरीब कैसा पानी पी रहा है।
सांसदों ने की शिकायतें
- करौली- धौलपुर सांसद मनोज राजोरिया ने कहा कि मिशन की परियोजनाओं के शिलान्यास व उदघाटन में नहीं बुलाया जाता। फील्ड से लेकर सचिवालय में बैठे अफसर सांसद का फोन तक नहीं उठाते।
- दौसा सांसद जसकौर मीणा ने कहा कि जल जीवन मिशन में जम कर भ्रष्टाचार हो रहा है। दो गांवों में 100 प्रतिशत जल कनेक्शन बता दिए, लेकिन मौके पर एक भी कनेक्शन नहीं मिला। दौसा में 15 दिन में एक बार पानी मिल रहा है।
- करौली- धौलपुर सांसद मनोज राजोरिया ने कहा कि मिशन की परियोजनाओं के शिलान्यास व उदघाटन में नहीं बुलाया जाता। फील्ड से लेकर सचिवालय में बैठे अफसर सांसद का फोन तक नहीं उठाते।
- दौसा सांसद जसकौर मीणा ने कहा कि जल जीवन मिशन में जम कर भ्रष्टाचार हो रहा है। दो गांवों में 100 प्रतिशत जल कनेक्शन बता दिए, लेकिन मौके पर एक भी कनेक्शन नहीं मिला। दौसा में 15 दिन में एक बार पानी मिल रहा है।