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कोरोना प्रुफ जलदाय अफसर, कार्मिक सेनीटाइजर तक को तरसे

locationजयपुरPublished: Sep 28, 2020 10:34:24 am

Submitted by:

anand yadav

जिम्मेदारों ने लगाए शील्ड कवर जिम्मेदारी भूले जलदाय विभाग मुख्यालय जल भवन में सुरक्षा की अनदेखी कोरोना से बचाव के उपाय ताक पर मुख्यालय भवन में बाहरी लोगों की बेरोटोक आवाजाहीरसूखदारों को बिना जांच एंट्रीआला अफसरों ने कमरों में लगाए शील्ड कवर कार्मिकों को सेनीटाइजर तक उपलब्ध नहीं

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जयपुर। प्रदेश के जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग में कोरोना विस्फोट होना तय है। मुख्यालय जल भवन में बैठे जिम्मेदार आला अफसरों ने खुद के बचाव के लिए कमरों में बचाव शील्ड लगा लिए जबकि कार्मिकों के कमरों में सेनीटाइजर तक भी उपलब्ध नहीं है। दूसरी तरफ भवन में बाहरी लोगों की आवाजाही बेरोकटोक जारी है।
यह है मामला

जानकारी के अनुसार जल भवन में करीब छह सौ से ज्यादा अफसर कार्मिक ड्यूटी दे रहे हैं। कोरोना के फैलाव के बाद मुख्यालय भवन में शुरूआत में तो बचाव के इंतजाम किए गए लेकिन अब ये इंतजाम धराशाही हो गए हैं। हर सप्ताह दो चार कार्मिक कोरोना संक्रमित मिल रहे हैं। बावजूद इसके मुख्यालय के जिम्मेदार अफसरों ने मानों बचाव के उपायों को लेकर आंखें मूंद ली है। मुख्यालय भवन में आधा दर्जन मुख्य अभियंता बैठते हैं जिनके कमरों में तो बचाव शील्ड लगाई गई है तो दूसरी तरफ मुख्यालय के पास सेनीटाजर तक खरीद का बजट उपलब्ध नहीं है। कार्मिकों के कमरों में सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां भी खुलेआम उड़ रही हैं लेकिन जिम्मेदार अफसरों को इससे मानों कोई लेना देना नहीं है।
अन्य विभागों में रोक जल भवन में बेरोकटोक
जेडीए, हाउसिंग बोर्ड, रेलवे जैसे पब्लिक डिलिंग वाले विभागों में आम लोगों की आवाजाही पर पूरी तरह प्रतिबंध लगाया गया है। जबकि जल भवन में कोरोना से बचाव को लेकर नियम कायदों को ताक पर रख दिया गया है। हर सप्ताह दो चार कार्मिक कोरोना संक्रमित मिल रहे हैं लेकिन जिम्मेदार अफसर अब भी बेपरवाह हैं।
सुरक्षाकर्मी भी भूले ड्यूटी
कहने को तो जल भवन में सुरक्षाकर्मियों को तैनात किया गया है। सुरक्षाकर्मियों को भवन में आने वाले लोगों का थर्मल स्कैनिंग करने के बाद एंट्री देने के निर्देश हैं। लेकिन हकीकत में तापमान लेने की कार्रवाई भी मनमर्जी से कर खानापूर्ति की जा रही हैं चौपहिया वाहनों में आने वालों को तो सुरक्षाकर्मी टोक भी नहीं रहे हैं। ऐसे में भवन में आने वालों में यदि कोई संक्रमित हुआ तो जल भवन के कार्मिकों में भी कोरोना संक्रमण फैलना निश्चित है।
सभी काम ऑनलाइन तो क्यों हो भीड़

जलदाय विभाग में टेंडर,भुगतान जैसे अधिकांश काम ऑनलाइन हो चुके हैं। बावजूद इसके जल भवन में बाहरी लोगों की भारी तादाद अधिकांश समय नजर आती है। ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर ये कौन लोग हैं और कार्यालय में इनका क्या काम है।
बजट ही नहीं मिल रहा सेनीटाइजर कैसे खरीदें
जलदायकर्मियों की मानें तो विभाग के पास सेनीटाइजर खरीदने तक बजट उपलब्ध नहीं है। शुरूआत में तो कार्मिकों के कमरों के लिए सेनीटाइजर विभागीय स्तर पर उपलब्ध कराया गया लेकिन अब कार्मिकों को खुद ही सेनीटाइजर का इंतजाम करना पड़ रहा है।
एसीई दफ्तर में पुख्ता इंतजाम
गांधीनगर स्थित जयपुर रीजन द्वितीय कार्यालय परिसर में बाहरी लोगों की एंट्री पूरी जांच के बाद ही हो रही है। गेट पर बाकायदा बेरियर लगाकर बाहरी लोगों की थर्मल स्केनिंग के बाद एंट्री दी जा रही है। जबकि खुद मुख्यालय जल भवन में ही नियम कायदों को ताक पर रखा जा रहा है।

जिम्मेदारों ने साधी चुप्पी
मामले में जानकारी लेने के लिए मुख्य अभियंता मुख्यालय, मुख्य अभियंता प्रशासन और एक्सईएन भवन संधारण से संपर्क किया लेकिन सभी अधिकारियों ने फोन भी रिसीव करना जरूरी नहीं समझा।
इनका कहना है— कार्यालय भवन में बाहरी लोगों की आवाजाही से कोरोना संक्रमण का खतरा कार्मिकों पर मंडरा रहा है। बीते सप्ताह भी आलाधिकारियों को इस बारे में अवगत कराया था। मुख्य अभियंता मुख्यालय को ज्ञापन देकर बाहरी लोगों की कार्यालय में एंट्री पर रोक लगाने की मांग की जाएगी। संतोष विजय, प्रदेशाध्यक्ष, राजस्थान पीएचईडी तकनीकी कर्मचारी संघ

केस— 1 बीते सप्ताह लेखा शाखा में एक महिला कार्मिक कोरोना पॉजीटिव मिली। केस सामने आने के बाद भी कमरे को सेनीटाइज नहीं कराया गया और अब भी कामकाज पुराने ढंग से चल रहा है।
केस— 2 बीते सप्ताह ही जल भवन में एक सूचना सहायक भी कोरोना संक्रमित मिला है। इस पर भवन में कोरोना से बचाव को लेकर सूचना के पोस्टर जरूर दीवार पर चस्पा कर दिए लेकिन सुरक्षा इंतजाम कहीं नजर नहीं आए।
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