किस नलकूप में कितना पानी बताएगा जीओ टेगिंग
जयपुरPublished: Feb 16, 2020 11:55:32 am
पीएचईडी ने शुरू की कवायद शहरी क्षेत्र के सभी नलकूपों को जीओ टेगिंग से जोड़ने की तैयारी मुख्य अभियंता मुख्यालय ने दिए निर्देश
जयपुर। राजधानी जयपुर में जलदाय विभाग के किस नलकूप से कितना पानी दोहन हो रहा है इसकी जानकारी अब एक क्लिक पर मिल सकेगी। जलदाय विभाग शहरी क्षेत्र के सभी सरकारी नलकूपों को जीओ टेगिंग से जोड़ने की कवायद शुरू कर रहा है। कम पानी दोहन वाले नलकूपों को जीओ टेगिंग से जोड़ने को बाद बंद कर उर्जा खपत पर भी लगाम कसने की कार्रवाई जलदाय विभाग करेगा।
विभाग से मिली जानकारी के अनुसार शहरी क्षेत्र में जलदाय विभाग ने बीते साल करीब सात सौ नए नलकूप खुदवाए हैं। इसके अलावा करीब डेढ़ हजार पुराने नलकूपों से भी विभाग रोजाना करीब सौ एमएलडी भूजल दोहन कर रहा है। विभाग के तय मानकों अनुसार प्रत्येक नलकूप से प्रतिघंटे करीब सात से दस हजार लीटर पानी का दोहन होना चाहिए लेकिन कई नलकूपों से प्रतिघंटे तय मानक से भी आधी मात्रा भूजल मिल रहा है। जबकि बिजली खपत पेटे विभाग को सालाना करोड़ों रुपए की चपत लग रही है। ऐसे में मुख्य अभियंता मुख्यालय ने जयपुर रीजन के सभी नलकूपों को जीओ टेगिंग से जोड़ कर दोहन हो रहे भूजल की निगरानी करने के निर्देश दिए हैं। जीओ टेगिंग से नलकूप जोड़े जाने के बाद कम भूजल दोहन कर रहे नलकूपों को विभाग रेंडम चलाने अथवा बंद करने का निर्णय लेने की कवायद करेगा।
सिटी सर्कल साउथ प्रथम अधिशाषी अभिंयता जेएसडी कटारा ने बताया कि जीओ टेगिंग होने के बाद नलकूपों से भूजल दोहन व उनके संचालन की निगरानी की रिपोर्ट स्काडा सिस्टम की तरह एक क्लिक पर मिलने लगेगी।