सौलर बिजली उत्पादन में पीएचईडी फिसड्डी
जयपुरPublished: Feb 17, 2020 12:33:56 pm
मुख्य सचिव के निर्देश के बाद भी पीएचईडी कार्यालयों में सौलर पैनल लगाने की कार्रवाई ठपअब तक विभाग ने आरआरईसीएल को नहीं भेजी रिपोर्टदो महीने बाद भी फाइल ठंडे बस्ते में
जयपुर। सरकारी कार्यालयों में सौलर पैनल लगाकर बिजली उत्पादन करने की राज्य सरकार की योजना को प्रदेश के जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग ने झटका दे डाला है। दो महीने पहले राज्य के मुख्य सचिव ने सर्कुलर जारी कर सभी सरकारी कार्यालयों में सौलर सिस्टम लगाकर सौर उर्जा उत्पादन को बढ़ावा देने के निर्देश दिए। लेकिन जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग ने सिस्टम लगाने के लिए अधिकृत आरआरईसीएल को प्रस्तावित योजना की रिपोर्ट ही नहीं भेजी है।
जानकारी के अनुसार जलदाय विभाग के सभी भवनों में सौलर पैनल रेस्को मॉडल पर लगाए जाने है। भवन में बिजली खपत के अलावा बची बिजली डिस्कॉम को बेचने की योजना को लेकर मुख्य सचिव ने बीते साल दिसंबर में सर्कुलर जारी किया था। इसमें रेस्को मॉडल पर भवनों की छत पर सौलर सिस्टम लगाने की कार्य योजना तैयार होनी थी। जलदाय विभाग के मुख्य अभियंता मुख्यालय ने बीते 15 जनवरी को सभी रीजन अभियंताओं को पत्र भी लिखा लेकिन एक महीने बाद भी प्रदेशभर के जलदाय कार्यालयों में सौलर सिस्टम लगाने की योजना फिलहाल फाइलों में ही उलझी हुई है।
प्रस्तावित कार्य में पीएचईडी को कार्य योजना की रिपोर्ट राजस्थान रिन्युबल एनर्जी कॉर्पोरेशन को सौंपनी थी। जिसके बाद आरआरईसीएल कार्य के टेंडर प्रक्रिया पूरी कर सरकारी भवनों में सौलर सिस्टम लगाने की कार्रवाई शुरू होगी। लेकिन अब तक पीएचईडी ने आरआरईसीएल को कार्यालय भवनों की रिपोर्ट ही नहीं भेजी है।
विभाग के मुख्यालय भवन की मेंटीनेंस का जिम्मा संभाल रहे एक्सईएन सुनील मानवताल का कहना है कि कार्य योजना पर काम चल रहा है और जल्द ही इस संबंध में आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।