इसी के चलते पक्ष-विपक्ष के विधायक इन दिनों फोन कॉल पर साधारण बातचीत के अलावा सरकार और संगठन को लेकर बातचीत करने से डर रहे हैं। विश्वस्त सूत्रों की माने तो सत्ता पक्ष के कई मंत्री फोन टेपिंग से बचने और बातचीत के लिए व्हाट्सअप कॉलिंग का इस्तेमाल करते नजर आते हैं। वहीं चर्चा ये भी है कि मंत्री-विधायक बातचीत के लिए दूसरे नंबर का भी सहारा ले रहे हैं।
कोई बोलने को तैयार नहीं
फोन टेपिंग को लेकर सत्ता पक्ष के विधायकों को आशंका तो हैं और इसे लेकर अंदरखाने विरोध भी है लेकिन कोई भी इसे लेकर बोलने से कतरा रहा है।
भाजपा नेता लगा चुके हैं फोन टेपिंग के आरोप
इधर भाजपा के कई नेता विधायकों के फोन टेप किए जाने के आरोप लगा चुके हैं। नेता प्रतिपक्ष गुलाब चंद कटारिया सहित कई नेता सरकार पर फोन टेपिंग के आरोप लगा चुके हैं। नागौर से सांसद और रालोपा प्रमुख हनुमान बेनीवाल भी सरकार पर विधायकों के फोन टेप कराने के आरोप लगा चुके हैं।
हालांकि फोन टेपिंग के आरोप नए नहीं है, राज्य में सरकार बदलने के बाद विपक्ष की ओर से सत्ता पक्ष पर विधायकों के फोन टेप किए जाने के आरोप पूर्व में भी कई बार लग चुके हैं।