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राजस्थान विधानसभा में फिर गूंजा Phone Tapping प्रकरण, सत्तापक्ष-विपक्ष के बीच गरमाई बहस, स्थगित करनी पड़ गई कार्यवाही

locationजयपुरPublished: Mar 17, 2021 01:57:45 pm

Submitted by:

Nakul Devarshi

राज्य विधानसभा का बजट सत्र, आज भी जारी रहा फोन टैपिंग प्रकरण पर हंगामा, विपक्ष ने सरकार को घेरने की कोशिश में लगा दिया जोर, तो सत्तापक्ष ने भी आक्रामक अंदाज़ से किया सरकार का बचाव, मंत्री शांति धारीवाल ने विपक्ष के हर सवाल का दिया जवाब, शोर-शराबे के बीच स्पीकर को स्थगित करनी पड़ी कार्यवाही
 

Phone Tapping Allegation on Ashok Gehlot Government, BJP in action

जयपुर।

विधानसभा में आज एक बार फिर फोन टैपिंग प्रकरण पर सत्तापक्ष और विपक्ष के बीच गरमा-गरम बहस हुई। चर्चा के दौरान दोनों पक्ष एक-दूसरे पर आक्रामक नज़र आये। प्रतिपक्ष की तरफ से जहां नेता प्रतिपक्ष गुलाब चंद कटारिया, उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ और भाजपा प्रदेशाध्यक्ष व आमेर विधायक डॉ सतीश पूनिया ने मोर्चा संभाला, तो वहीं संसदीय कार्यमंत्री शांति धारीवाल ने सरकार का अकेले दम पर बचाव किया।

 

फोन टैपिंग की हो सीबीआई जांच: विपक्ष
प्रकरण पर चर्चा के दौरान विपक्षी नेताओं ने सरकार को घेरते हुए फोन टैपिंग को नियम विरुद्ध करार देते हुए सरकार को घेरने की कोशिश की। कटारिया, राठौड़ और पूनिया की तिकड़ी ने मुख्यमंत्री कार्यालय से फोन सर्विलियेंस पर लेने और टैप करने के आरोप लगाए। राठौड़ ने कहा कि पूर्व में सामने आये फोन टैपिंग की रिकॉर्डिंग को मुख्यमंत्री के ओएसडी की ओर से वायरल किया गया, जो बताता है कि इस षड़यंत्र को मुख्यमंत्री कार्यालय से अंजाम दिया गया। मामले को गंभीर बताते हुए प्रतिपक्ष ने फोन टैपिंग प्रकरण की सीबीआई जांच करवाए जाने का प्रस्ताव रखा।

 

फोन टैपिंग साबित हुई तो हम सभी देंगे इस्तीफा: धारीवाल
प्रतिपक्ष के आरोपों पर जवाब देते हुए संसदीय कार्य मंत्री शांति धारीवाल ने हर सवाल का जवाब दिया। उन्होंने सरकार पर लग रहे आरोपों को निराधार करार देते हुए यहाँ तक कह दिया कि यदि सरकार की ओर से फोन टैप की सत्यता साबित हुई तो मुख्यमंत्री क्या, मैं और हम सभी इस्तीफा दे देंगे।

 

धारीवाल ने कहा कि फोन रिकॉर्डिंग यदि मुख्यमंत्री कार्यालय के ओएसडी के ज़रिये वायरल हुई है तो इसमें गलत क्या है? उन्होंने कहा कि फोन टैपिंग का मामले में एसीबी अब भी अपनी पड़ताल कर रही है। लेकिन प्रकरण में आरोपी पक्ष सहयोग नहीं कर रहा है। उन्होंने कहा कि प्रकरण में शामिल केंद्रीय मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने अब तक अपने वोइज़ सैम्पल नहीं दिए हैं। यदि वो वोइज़ सैम्पल उपलब्ध करवा दें तो प्रकरण में दूध का दूध और पानी का पानी सामने आ जाएगा।

 

धारीवाल ने कहा कि टेलीग्राफी एक्ट के तहत सरकार के पास एक एजेंसी है जो फोन इंटरसेप्ट करने के लिए अधिकृत है। सरकार में जो भी होता है सब नियम कायदे से होता है। उन्होंने कहा कि फोन टैपिंग का प्रकरण उछालकर विपक्ष बेफिजूल सदन का वक्त जाया कर रही है। बेहतर हो कि विपक्ष के नेता केंद्रीय मंत्री शेखावत को जांच में सहयोग के लिए मनाने का प्रयास करें।

 

मोदी सरकार के फोन टैपिंग पर हंगामा
चर्चा के दौरान संसदीय कार्य मंत्री शान्ति धारीवाल ने एक कागज़ लहराते हुए मोदी सरकार पर 90 हज़ार फोन टैप करवाए जाने के आरोप लगाए। इसपर नेता प्रतिपक्ष कटारिया सहित तमाम विपक्षी विधायक वेल पर आकर विरोध जताने लगे। शोर-शराबे बढ़ता देखकर स्पीकर सीपी जोशी ने सदन की कार्यवाही आधे घंटे के लिए स्थगित कर दी।

 

सरकार ने सख्ती से किया नियमों का अनुसरण : धारीवाल

संसदीय मंत्री धारीवाल ने कहा कि विपक्ष की ओर से विधानसभा सचिव को एक पत्र लिखा गया है। जिसमें उन्होंने रिलैक्सेशन मांगा है। रिलैक्सेशन तब मांगा जाता है जब आपके पास सबूत नहीं हो। जवाब में प्रोसीजर बताया गया है। उसमें किसी का नाम, किसी घटना का जिक्र नहीं है। टेलीग्राफ एक्ट में राज्य सरकार को फोन इंटरसेप्ट के लिए अधिकृत किया गया है। लोक व्यवस्था के लिए अधिकृत किया गया है। राज्य सरकार ने सख्ती से नियमों का अनुसरण किया है। नियमों में किसी तरह का रिलैक्सेशन नहीं दिया गया है।

 

संसदीय कार्यमंत्री ने कहा कि निजता ना तो पहले भंग की गई है आगे भंग करेंगे। अगर किसी की निजता भंग हुई है तो क्या कोई ऐसा है जो यह शिकायत कर सकता है। धारीवाल ने कहा कि मुख्यमंत्री के ओएसडी के वाट्सप पर कुछ आया अगर मुख्यमंत्री ओएसडी के पास कोई चीज आई और बटन दबाकर उन्होंने व्हाट्सएप ग्रुप पर भेज दिया। तो उन्होंने क्या गुनाह कर दिया? क्या आप लोग ऐसा नहीं करते?

 

गहलोत ने गिरने बचाई थी भैरो सिंह सरकार
संसदीय कार्यमंत्री ने कहा कि ने कहा कि मुख्यमंत्री आज भी अपनी बात पर कायम है। मुख्यमंत्री आज भी कहने को तैयार है कि टेपिंग के आरोप साबित हो जाए तो राजनीति छोड़ने को तैयार हूं।आप इसे साबित करिए। भैरोसिंह सरकार के के समय दो बार आप की सरकारों को गिराने की साजिश हुई। यह वही मुख्यमंत्री है। जो प्रधानमंत्री नरसिम्हा राव के पास जाकर कह कर आए। कि चुनी हुई सरकार को नहीं गिराना चाहिए। उस मुख्यमंत्री के ऊपर आप आरोप लगा रहे हो कि वह टेप बनाएगा।

 

धारीवाल ने कहा कि स्वतंत्रता कितना महत्वपूर्ण शब्द है इसे समझजाओ। तो देश का कल्याण हो जाएगा। विपक्ष पर निशाना साधते हुए धारीवाल ने कहा कि कहा आपकी जिद है कि आप हमें जीने नहीं दोगे। और जनता की जिद है कि हम आप को मरने नहीं देंगे। अगर आप यह साबित कर दो कि बिना इजाजत के फोन टेप हुए हैं तो मैं भी इस्तीफा दे दूंगा।

 

कांग्रेस नेताओं के यहां केंद्रीय एजेंसिंयों के छापे
संसदीय कार्यमंत्री ने कहा कि फोन टैंपिंग पर जवाब देते हुए कहा कि कांग्रेस राजीव अरोड़ा ,धर्मेंद्र राठौड़, सीएम के बड़े भाई के यहां छापे केंद्र की एजेंसियों ने डाले। कभी किसी बीजेपी के नेता के यहां छापा डाला। धारीवाल ने कहा कि कभी किसी विधायक, एमपी, सदन के सदस्य या जनप्रतिनिधि का हमने फोन टेप नहीं किया।

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