भाजपा विधायक राजेंद्र राठौड़ और कालीचरण सराफ ने फोन टैपिंग मामले में विधायक और सांसदों की निजता भंग होने का हवाला देते हुए स्थगन प्रस्ताव लगाया था। मगर स्पीकर सीपी जोशी ने कहा कि प्रस्ताव में कहीं भी यह उल्लेख नहीं है कि किन—किन विधायक या सांसदों की निजता भंग हुई है। इसलिए प्रस्ताव स्थगन के लायक नहीं है। स्पीकर ने कहा कि आपको अध्यक्षीस व्यवस्था पर बहस करना अलाउ नहीं करूंगा। इस पर भाजपा विधायक ने नाराजगी जताई और वैल में आकर नारेबाजी करने लगे। सदन की कार्यवाही लगातार चलती रही और संयम लोढ़ा, जाहिदा खान, गणेश घोघरा सहित कई विधायकों ने अपनी बात करे रखा। उच्च शिक्षा की अनुदान मांगों पर चर्चा का प्रस्ताव भी नारेबाजी के बीच रखा गया। इसके बाद स्पीकर ने भाजपा विधायकों से पूछा कि क्या वे अनुदान मांगों पर चर्चा में भाग लेना चाहते हैं, मगर भाजपा विधायक शोर मचाते रहे। इस पर सदन की कार्यवाही आधा घंटे के लिए स्थगित कर दी गई। आधा घंटे बाद कार्यवाही शुरू हुई तो भाजपा विधायकों ने फिर नारेबाजी और हंगामा शुरू कर दिया। भाजपा ने फोन टैपिंग मामले में मुख्यमंत्री का इस्तीफा मांगा। शोर होता देख स्पीकर ने सदन की कार्यवाही को फिर आधा घंटे के लिए स्थगित कर दिया।
हम जानना चाहते हैं कि फोन टैपिंग किसने और किस अधिकार के तहत कराई नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने स्पीकर से कहा कि फोन टैपिंग वाला मामला महत्वपूर्ण है। मुख्य सचेतक महेश जोशी ने जो एफआईआर दर्ज कराई थी और उस पर कुछ लोगों की गिरफ्तारी भी हुई। हम प्रस्ताव केवल इसलिए लाए थे कि फोन टैपिंग किसने और किस अधिकार के तहत कराई। एफआईआर से यह तो साफ हो गया कि गवर्नमेंट की किसी भी एजेंसी ने फोन टैप कराया। क्या नियमों के तहत फोन टैपिंग कराई गई है या नहीं।
किसकी निजता भंग हुई, कोई उल्लेख नहीं है स्पीकर सीपी जोशी ने कहा कि कटारयाजी आप सीनियर है। जब नियम है तो निजता कैसे भंग हुई। जो जवाब दिया गया है उसमें साफ लिखा गया है कि कानून के अंतर्गत फोन टैप किए जाते हैं। किसकी निजता भंंग हुई, इसमें मेंशन नहीं है, इसलिए यह स्थगन प्रस्ताव के लायक नहीं है। उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने पूछा था कि सांसद, विधायक और केंद्रीय मंत्रियों के बिना अधिकृत प्राधिकारी के फोन टैपिंग से उनकी निजता पर हमला हुआ। क्या राठौड़ के पास रिकॉर्ड है किसकी निजता भंग हुई है। कटारिया, राजेंद्र राठौड़ की भंग हुई है। इसमें किसी का नाम नहीं है। आपको अध्यक्षीय व्यवस्था पर बहस करना अलाउ नहीं करूंगा। मुझे हटाना चाहते हैं तो आप मेरे खिलाफ प्रस्ताव लाएं। अध्यक्षीय व्यवस्था पर सवाल उठाकर आप गलत परंपरा डाल रहे हैं।