राजस्थान में दो दिन से पड़ रही प्रचंड गर्मी को रविवार शाम को उठे धूल के गुबार आगोश में ले लिया। राजस्थान के कई जगहों पर दोपहर बाद अचानक मौसम बदल गया है। तस्वीरों में देखें कैसे देखते ही देखते दिन में ही रात का सा नजारा बन गया। खराब मौसम से जयपुर-दिल्ली वाया बीकानेर फ्लाइट बीकानेर अटक गई। जयपुर से दिल्ली जाने के लिए सवार हुए यात्री बीकानेर में ही रुके। दोपहर 3.15 बजे फ्लाइट पहुंची थी। बीकानेर से दिल्ली जाने वाले यात्रियों को नाल सिविल एयरपोर्ट से वापस लौटना पड़ा । सीकर, चूरू, झुंझुनूं, श्रीगंगानगर में रेत का गुबार छा गया। कई जगहों पर धूल भरी हवाएं चलने लगी। काली आंधी का ये सिलसिला चूरू से शुरू हुआ और शाम पांच बजे तेज आंधी चलने लगी। इसके बाद रामगढ़ शेखावाटी, फतेहपुर होते हुए तूफान सीकर की ओर रवाना हुआ। आंधी के गुबार से हालत यह हो गई कि किसी को कुछ दिखाई नहीं दे रहा था। वाहन चालक जहां थे वहां थम गए। कई जगह तेज आंधी से कच्चे मकान और टिन शैड उड़ गए। रेत के बवंडर के कारण एक बार तो सड़कों पर यातायात थम सा गया। वाहन चालकों को दिन में भी हैड लाइट जलानी पड़ी। धूल भरी आंधी से जनजीवन प्रभावित हुआ, कई पेड़ धराशाई हो गए। हालात यह थे कि रेत का गुबार के कारण अंधेरा हो गया। हर तरफ रेत का गुबार ही नजर रहा था। नागौर में तेज हवाओं के साथ झमाझम बारिश हुई। चने के आकार के ओले भी गिरे। लोगों को गर्मी से राहत मिली। श्रीगंगानगर जिला मुख्यालय पर शाम करीब साढ़े चार बजे के आसपास बूंदाबांदी शुरू हुई।
राजस्थान में दो दिन से पड़ रही प्रचंड गर्मी को रविवार शाम को उठे धूल के गुबार आगोश में ले लिया। राजस्थान के कई जगहों पर दोपहर बाद अचानक मौसम बदल गया है। तस्वीरों में देखें कैसे देखते ही देखते दिन में ही रात का सा नजारा बन गया। खराब मौसम से जयपुर-दिल्ली वाया बीकानेर फ्लाइट बीकानेर अटक गई। जयपुर से दिल्ली जाने के लिए सवार हुए यात्री बीकानेर में ही रुके। दोपहर 3.15 बजे फ्लाइट पहुंची थी। बीकानेर से दिल्ली जाने वाले यात्रियों को नाल सिविल एयरपोर्ट से वापस लौटना पड़ा । सीकर, चूरू, झुंझुनूं, श्रीगंगानगर में रेत का गुबार छा गया। कई जगहों पर धूल भरी हवाएं चलने लगी। काली आंधी का ये सिलसिला चूरू से शुरू हुआ और शाम पांच बजे तेज आंधी चलने लगी। इसके बाद रामगढ़ शेखावाटी, फतेहपुर होते हुए तूफान सीकर की ओर रवाना हुआ। आंधी के गुबार से हालत यह हो गई कि किसी को कुछ दिखाई नहीं दे रहा था। वाहन चालक जहां थे वहां थम गए। कई जगह तेज आंधी से कच्चे मकान और टिन शैड उड़ गए। रेत के बवंडर के कारण एक बार तो सड़कों पर यातायात थम सा गया। वाहन चालकों को दिन में भी हैड लाइट जलानी पड़ी। धूल भरी आंधी से जनजीवन प्रभावित हुआ, कई पेड़ धराशाई हो गए। हालात यह थे कि रेत का गुबार के कारण अंधेरा हो गया। हर तरफ रेत का गुबार ही नजर रहा था। नागौर में तेज हवाओं के साथ झमाझम बारिश हुई। चने के आकार के ओले भी गिरे। लोगों को गर्मी से राहत मिली। श्रीगंगानगर जिला मुख्यालय पर शाम करीब साढ़े चार बजे के आसपास बूंदाबांदी शुरू हुई।