सॉफ्टवेयर इंजीनियर के रूप में शुरू किया कॅरियरकॉलेज की पढ़ाई पूरी होते ही ये नौकरी की तलाश में जुट गए। इनका पैशन शुरू से ही कंप्यूटर रहा था इसलिए कंप्यूटर में डिग्री लेने के बाद ये प्रोग्रामिंग के कई क्षेत्रों में पारंगत हो गए थे। नौकरी के लिए इन्हें ज्यादा दिनों तक संघर्ष नहीं करना पड़ा। क्लैरिस में नौकरी मिली, जो कि ऐप्पल कंप्यूटर की ही एक शाखा थी। यहां इन्होंने उपभोक्ता सॉफ्टवेयर इंजीनियर के रूप में काम किया। यहीं इन्होंने अपना पहला पेशेवर सॉफ्टवेयर उत्पाद मैकड्रॉव लिखा। कुछ ही समय बाद उनके दिमाग में अपनी कंपनी शुरू करने का विचार आया। अब वे निश्चित वेतन के लिए काम नहीं करना चाहते थे, बल्कि अपने पैशन के लिए कुछ नया करना चाहते हैं।[typography_font:18pt;” >इनका जन्म 1967में पेरिस में हुआ था। पिता एक सार्वजनिक अस्पताल में डॉक्टर थे और मां भी सोरबोन में भाषा विज्ञान के क्षेत्र में एक डॉक्टर थी। 1973 में ये अपने परिवार के साथ अमरीका के मैरीलैंड में शिफ्ट हो गए। बचपन में ही इन्हें कंप्यूटर में बहुत रुचि थी। हाई स्कूल की पढ़ाई इन्होंने मैरीलैंड के पोटोमैक के सेंट एंड्रयू एपिस्कोपल स्कूल से कीं। जब ये 9वीं कक्षा में थे तो उनकी कंप्यूटर में रुचि और बढ़ गई। प्रोग्रामिंग में इन्हें बड़ा मजा आता था। अपना खाली समय ये कंप्यूटर के साथ ही बिताया करते थे। इस वजह से माता-पिता बहुत परेशान भी हुआ करते थे। इनका यही पैशन था कि 14 साल की उम्र में ही इन्होंने स्कूल के लिए एक ऑनलाइन लाइब्रेरी तैयार की। ऑनलाइन कैटलॉग प्रणाली बनाने में ये कामयाब रहे। हाई स्कूल से स्नातक होने के बाद मेडफोर्ड में कंप्यूटर विज्ञान और सूचना प्रोद्योगिकी संकाय में प्रवेश लिया। 1988 में इन्होंने अपनी स्नातक की डिग्री प्राप्त की।शुरू की अपनी कंपनी1994 में इन्होंने एक निजी व्यवसाय की स्थापना की, जिसका नाम इंक रखा। यह कपंनी इंटरनेट आधारित प्रोद्योगिकी उपकरणों को विकसित करने का काम कर रही थी। हालांकि यह कोई आसान व्यवसाय नहीं था। 1995 में इन्होंने ऑक्शनवेब वेबसाइट शुरू की। यही साइट आगे चलकर ऑक्शन साइट ईबे बनी। यह व्यक्ति कोई और नहीं, बल्कि इबे के फाउंडर और चेयरमैन पियरे ओमिदयार हैं। आज ईबे दुनिया की सबसे बडी ऑनलाइन खरीद और ब्रिकी या निलामी स्थल है। 1998 में जब इन्होंने अपनी कंपनी को पब्लिक किया तभी यह बिलेयनेयर बन गए थे। मई 1998 तक ईबे पर करीब एक करोड़ सामान नीलाम हो चुके थे। आज ईबे 28 से भी ज्यादा देशों में कारोबार करती है और आईबीएम जैसी कंपनियां भी ईबे पर ऑनलाइन सामान बेचती है। वर्ष 2002 में ईबे ने पेपल को खरीद लिया था। 2013 में पियरे ने जर्नलिस्ट वेंचर ‘फस्र्ट लुक मीडिया’ को लॉन्च किया।