एसी की हवा में ऐश कर रहा है, आज बीकानेर लेकर जाएंगे
बॉर्डर इलाके से पकड़े गए कबूतर की मेहमान नवाजी शानदार तरीके से की जा रही है। कबूतर को स्थानीय पुलिस थाने में किसी खास मेहमान की तरह रखा जा रहा है। एसी की ठंडी हवा के साथ खाने में बाजरा व रोटियों की चूरी आदि परोसी जा रही है। बताया गया कि विशेष परीक्षण के लिए मंगलवार को कबूतर बीकानेर भेजा जाएगा। इसके लिए एसआइ के साथ एक सिपाही की ड्यूटी लगाई गई है।
बॉर्डर इलाके से पकड़े गए कबूतर की मेहमान नवाजी शानदार तरीके से की जा रही है। कबूतर को स्थानीय पुलिस थाने में किसी खास मेहमान की तरह रखा जा रहा है। एसी की ठंडी हवा के साथ खाने में बाजरा व रोटियों की चूरी आदि परोसी जा रही है। बताया गया कि विशेष परीक्षण के लिए मंगलवार को कबूतर बीकानेर भेजा जाएगा। इसके लिए एसआइ के साथ एक सिपाही की ड्यूटी लगाई गई है।
उसकी परेशानी मलतब नौकरी पर संकट
जांच अधिकारी हैड कांस्टेबल महेन्द्र राम ने बताया कि पिंजरे में कैद कबूतर की सुविधा का पूरा ख्याल रखा जा रहा है। वातानुकूलित कक्ष (एसी रूम) में रखे पिंजरे में ज्वार, बाजरा, रोटी की चूरी व अन्य खाद्य पदार्थ परोसे गए। दो दिन तक इन्हें उसने बड़े चाव से खाया। लेकिन सोमवार को कबूतर कुछ मायूस दिखा। फिलहाल दो सिपाहियों को उसकी देखभाल के लिए कहा गया है। मंगलवार को एसआइ श्याम सिंह के साथ एक सिपाही कबूतर लेकर बीकानेर जाएंगे। वहां कबूतर के शरीर का गहन परीक्षण व एक्सरे आदि किए जाएंगे। इसके बाद इसे चिडिय़ाघर में भेज दिया जाएगा।
खेत में मिला था कबूतर
गौरतलब है कि सीमा क्षेत्र से महज दो किमी दूर गांव 61 एफ निवासी सुखदेव सिंह बावरी को शनिवार सुबह खेत में पेड़ के नीचे कबूतर मिला था। सूचना मिलने पर सीमा सुरक्षा बल अधिकारियों व पुलिस ने मामले की जांच की। उसी शाम कबूतर थाने में लाया गया। कबूतर के परों पर उर्दू में ‘उस्ताज अख्तर व 5 से शुरू होने वाली दस अंकों की एक संख्या (संभवत मोबाइल नंबर) लिखी हुई थी। वहीं दायें साइड के पंखों में धुंधला सा शब्द लिखा ‘इरफान’ या ‘मरफान’ लिखा है। सुरक्षा बल अधिकारियों के मुताबिक कबूतर किसी का पालतू है और पाकिस्तान क्षेत्र से रास्ता भटकर इधर आ गया है।