विवेक सर ने नाम रखा ‘रोया’
मालवीय नगर निवासी जोया छठी कक्षा में पढ़ती हैं। उनके फादर विकास शाह सीए और मदर सलोनी शाह हाउसवाइफ हैं। जोया बताती हैं, ‘जब मैं छोटी थी तो टीवी पर आ रही फिल्मों को देखकर उनके डायलॉग बोलती थी। शबाना आजमी और स्मिता पाटिल मैम की एक्टिंग मुझे बहुत अच्छी लगती है, इसलिए मैं उनकी तरह एक्टिंग करने और डायलॉग बोलने की प्रैक्टिस करती थी। मुझे लगता था कि उनकी तरह मैं भी एक्टिंग कर सकती हूं। मैं बड़ी होकर एक्ट्रेस बनना चाहती हूं ताकि मेरा भी नाम इन बड़े स्टार्स की तरह फेमस हो और सब मुझे एप्रीशिएट करें।’ बकौल जोया, शो में तीनों जज अच्छे कमेंट्स देते हैं लेकिन मेरे फेवरिट विवेक सर हैं। उन्होंने मेरा नाम भी रखा है ‘रोया’, क्योंकि जब भी मैं इमोशनल एक्ट करती हूं तो उन्हें रुला देती हूं। यही नहीं, शो में मुझे और भी नाम मिले हैं जैसे- इमोशन की सुनामी, आंसुओं की टंकी। इतने बड़े लोग जब मुझे ऐसे नाम देते हैं तो बहुत प्राउड फील होता है। जोया को खाली टाइम में ड्रॉइंग करना पसंद है। जोया का कहना है कि पापा हमेशा मेरे साथ रहते हैं। यहां तक कि शो के लिए उन्होंने अपनी जॉब भी छोड़ दी है।
मालवीय नगर निवासी जोया छठी कक्षा में पढ़ती हैं। उनके फादर विकास शाह सीए और मदर सलोनी शाह हाउसवाइफ हैं। जोया बताती हैं, ‘जब मैं छोटी थी तो टीवी पर आ रही फिल्मों को देखकर उनके डायलॉग बोलती थी। शबाना आजमी और स्मिता पाटिल मैम की एक्टिंग मुझे बहुत अच्छी लगती है, इसलिए मैं उनकी तरह एक्टिंग करने और डायलॉग बोलने की प्रैक्टिस करती थी। मुझे लगता था कि उनकी तरह मैं भी एक्टिंग कर सकती हूं। मैं बड़ी होकर एक्ट्रेस बनना चाहती हूं ताकि मेरा भी नाम इन बड़े स्टार्स की तरह फेमस हो और सब मुझे एप्रीशिएट करें।’ बकौल जोया, शो में तीनों जज अच्छे कमेंट्स देते हैं लेकिन मेरे फेवरिट विवेक सर हैं। उन्होंने मेरा नाम भी रखा है ‘रोया’, क्योंकि जब भी मैं इमोशनल एक्ट करती हूं तो उन्हें रुला देती हूं। यही नहीं, शो में मुझे और भी नाम मिले हैं जैसे- इमोशन की सुनामी, आंसुओं की टंकी। इतने बड़े लोग जब मुझे ऐसे नाम देते हैं तो बहुत प्राउड फील होता है। जोया को खाली टाइम में ड्रॉइंग करना पसंद है। जोया का कहना है कि पापा हमेशा मेरे साथ रहते हैं। यहां तक कि शो के लिए उन्होंने अपनी जॉब भी छोड़ दी है।
सलमान के डायलॉग करता था कॉपी
सिरसी रोड के रहने वाले गर्वित की मम्मी सुमन पारीक का कहना है, ‘गर्वित बहुत बोलता था। टीवी पर आ रहे एड की कॉपी करता था। मेरी और अपनी दादी की नकल निकालता था। यहां तक कि ‘बजरंगी भाईजान’, ‘सुल्तान’, ‘टाइगर जिंदा है’ जैसी फिल्में देखने के बाद वह सलमान खान को कॉपी करने लगा। यह सब देखकर मैं कैजुअल वे में ही उसे ऑडिशन के लिए लेकर गई थी। मुझे उम्मीद नहीं थी कि वह सलेक्ट हो जाएगा और इस तरह शो में परफॉर्म करेगा। मुझे लगता है कि कई बार हम हाई एनर्जी बच्चों को ‘शरारती’, ‘बदमाश’, ‘बहुत बोलता है’ जैसे तीखे शब्द कहकर उनकी पर्सनैलिटी दबा देते हैं। अगर इन बच्चों की हाई एनर्जी को पॉजिटिव डायरेक्शन दें तो ये कमाल कर सकते हैं। गर्वित की हाई एनर्जी शो में सार्थक साबित हुई।’ बकौल सुमन, गर्वित के फेवरिट विवेक सर हैं, क्योंकि वे बच्चों में बच्चे बन जाते हैं। गर्वित की उम्र कम है इसलिए शो को लेकर उसका उत्साह देखते ही बनता है। जब वह टीवी पर आता है तो अपनी दादी को मासूमियत भरे अंदाज में बताता है कि ‘अरे मैंने अपने आपको टीवी पर देख लिया।’
सिरसी रोड के रहने वाले गर्वित की मम्मी सुमन पारीक का कहना है, ‘गर्वित बहुत बोलता था। टीवी पर आ रहे एड की कॉपी करता था। मेरी और अपनी दादी की नकल निकालता था। यहां तक कि ‘बजरंगी भाईजान’, ‘सुल्तान’, ‘टाइगर जिंदा है’ जैसी फिल्में देखने के बाद वह सलमान खान को कॉपी करने लगा। यह सब देखकर मैं कैजुअल वे में ही उसे ऑडिशन के लिए लेकर गई थी। मुझे उम्मीद नहीं थी कि वह सलेक्ट हो जाएगा और इस तरह शो में परफॉर्म करेगा। मुझे लगता है कि कई बार हम हाई एनर्जी बच्चों को ‘शरारती’, ‘बदमाश’, ‘बहुत बोलता है’ जैसे तीखे शब्द कहकर उनकी पर्सनैलिटी दबा देते हैं। अगर इन बच्चों की हाई एनर्जी को पॉजिटिव डायरेक्शन दें तो ये कमाल कर सकते हैं। गर्वित की हाई एनर्जी शो में सार्थक साबित हुई।’ बकौल सुमन, गर्वित के फेवरिट विवेक सर हैं, क्योंकि वे बच्चों में बच्चे बन जाते हैं। गर्वित की उम्र कम है इसलिए शो को लेकर उसका उत्साह देखते ही बनता है। जब वह टीवी पर आता है तो अपनी दादी को मासूमियत भरे अंदाज में बताता है कि ‘अरे मैंने अपने आपको टीवी पर देख लिया।’