काम नहीं आ रही करोड़ों की ब्रांडिंग
गौरतलब है कि पर्यटन विभाग देश—विदेश में राजस्थान के पर्यटक स्थलों की ब्रांडिंग पर करोड़ों रूपए खर्च करता है। वित्तीय वर्ष 2018—19 में पर्यटन विभाग ने पर्यटन के प्रचार प्रसार पर 100 करोड़ रूपए से ज्यादा खर्च कर चुका है। इसके बावजूद मौजूदा पर्यटन सीजन में शाही ट्रेन एक बार भी फुल नहीं हुई है। ज्यादातर फेरों में ट्रेन से 40 से 50 यात्री ही मिलते आए हैं। जबकि कुछ फेरों में तो पर्यटकों की संख्या 25 भी रही है। पर्यटकों की कम संख्या के कारण शाही ट्रेन का घाटा साल दर साल बढ़ता जा रहा है। राजस्थान पर्यटन विकास निगम लगातार बढ़ रहे घाटे को पाटने के लिए शाही ट्रेन के पैकेज को महंगा करता जा रहा है। महंगे पैकेज के कारण भी शाही ट्रेन की तरफ देसी—विदेशी सैलानी कम आकर्षित हो पा रहे हैं। आरटीडीसी को शाही ट्रेन में पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए नई रणनीति बनानी होगी।