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लालच में ‘मार’ रहे आमेर का ‘मावठा‘, पहले ही मर चुका है ‘रामगढ़ बांध‘

locationजयपुरPublished: Jan 19, 2018 03:31:30 pm

Submitted by:

dinesh

मावठा में पुरातत्व विभाग उड़वाएगा हॉट एयर बैलून…

Amber fort Jaipur

Amber fort Jaipur

-पवन विश्नोई

जयपुर। किसी जमाने में पानी से लबालब रहने वाली मावठा झील बीते 5 साल से लगातार सूखती जा रही है। मावठा की तीन चौथाई तलहटी सूख चुकी है। पानी सूखते ही मावठा की हजारों वर्गमीटर जमीन पर पुरातत्व विभाग ने टेढ़ी नजर गड़ा दी है। विभाग ने मावठा की जमीन हॉट एयर बैलून उड़ाने के लिए ठेके पर देने की तैयारी कर ली है। इसके लिए बाकायदा टेंडर भी जारी कर दिए गए हैं। ऐसे में सरकार मान चुकी है कि मावठा अब नहीं भरेगा। शायद यही कारण है कि मावठा को भरने की कोशिश की जगह विभाग इससे कमाई की योजना बना रहा है।

जानकारी के अनुसार पुरातत्व विभाग ने पर्यटकों को रिझाने के लिए आमेर महल क्षेत्र में हॉट एयर बैलून उड़ाने की योजना तैयार कर ली है। विभाग ने इसके लिए ई-बिड जारी कर दी है। इसके डॉक्यूमेंट में साफ तौर पर लिखा है कि ठेकेदार फर्म कार पार्किंग एरिया और मावठा झील एरिया में हॉट एयर बैलून उड़ाने की गतिविधियां चला सकेगी। विभाग ने बताया है कि आमेर महल देखने के लिए हर साल करीब साढ़े 17 लाख पर्यटक आते हैं। पर्यटकों के रुझान को देखते हुए हॉट एयर बैलून उड़ान शुरू करने की योजना है। इसके लिए हॉट एयर बैलूनिंग में अनुभव रखने वाली फर्मों से निविदाएं मांगी गई है।

बीसलपुर के पानी की आस टूटी
आमेर और नाहरगढ़ की पहाडिय़ों में 2012—13 के बाद से ही लगातार कम हो रही बरसात के कारण मावठा में मानसूनी बरसात के पानी की आवक लगातार कम होती जा रही है। इसके चलते साल दर साल मावठा सूखता ही जा रहा है। अब स्थिति ये है कि इसमें सिर्फ केसर क्यारी के आसपास ही पानी बचा है, जो दिन ब दिन सूख रहा है। मावठा सूखने के बाद इसे बीसलपुर बांध के पानी से भरने की योजना बनी थी, लेकिन यह स्कीम भी बीच में ही बंद हो गई। विभाग ने मावठा की जमीन व्यवसायिक गतिविधियों के संभावित विरोध को देखते हुए इसे पहले हॉट एयर बैलून के लिए देने की योजना तैयार की है।

पीक सीजन में पार्किंग
क्रिसमस और न्यू ईयर की छुट्टियों में गुलाबी नगर में सैलानियों का सैलाब उमड़ा था। एक दिन में 20 हजार से ज्यादा पर्यटक आमेर पहुंचे थे। उस वक्त कार पार्किंग एरिया छोटा पड़ गया था। इसलिए आमेर महल के पार्किंग ठेकेदार ने मावठा में पार्किंग करवा दी थी। उसी वक्त ये संकेत मिले थे कि मावठा पर विभाग की टेढ़ी नजर है।

कभी जयपुर की प्यास बुझाता था रामगढ़ बांध
कभी जयपुर की लाइफ लाइन कहा जाने वाले रामगढ़ बांध हमारे स्वार्थ और सरकार की भारी गलतियों की सजा भुगत रहा है। जयपुरवासियों की प्यास बुझाने वाला और किसानों के लिए सिंचाई का साधन रहा यह बांध अब पूरी तरह से मर चुका है। सरकार ने ही इस बांध तक पानी पहुंचाने वाली नदियों और बरसाती नालों पर एनिकट और चेकडेम बना डाले। बांध में अंतिम बार वर्ष 1999 में 33.9 फीट पानी आया था। इसके बाद पानी नहीं आ पाया। सरकार और प्रशासन ने एनिकट व चेकडेम बनाने पर करीब दो सौ करोड़ रुपए खर्च कर दिए 200 करोड़ रुपए खर्च करके इस बांध का गला घोंट दिया।

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