कोरोना में बड़े खर्चे ने रोके कदम
नवंबर, 2019 में विमान खरीद प्रक्रिया शुरू होने के कुछ माह बाद ही कोरोना संकट आ गया। ऐसे में सरकार ने विमान पर होने वाले बड़े खर्च से कदम पीछे खींच लिए। खरीद प्रक्रिया को इसी वर्ष मार्च में दुबारा शुरू किया। हालांकि अब तक कोई ठोस नतीजा नहीं निकला। इस बीच वीवीआइपी उड़ानों के लिए नाकारा मान लिए गए दो पुराने विमान और एक हेलिकॉप्टर को बेच दिया गया है।
नवंबर, 2019 में विमान खरीद प्रक्रिया शुरू होने के कुछ माह बाद ही कोरोना संकट आ गया। ऐसे में सरकार ने विमान पर होने वाले बड़े खर्च से कदम पीछे खींच लिए। खरीद प्रक्रिया को इसी वर्ष मार्च में दुबारा शुरू किया। हालांकि अब तक कोई ठोस नतीजा नहीं निकला। इस बीच वीवीआइपी उड़ानों के लिए नाकारा मान लिए गए दो पुराने विमान और एक हेलिकॉप्टर को बेच दिया गया है।
तीस करोड़ रुपए बढ़ गई कीमत नए विमान की खरीद प्रक्रिया से जुड़े लोग बताते हैं कि लंबे समय से अटकी रही विमान खरीद प्रक्रिया में संभावित कीमत भी बढ़ती जा रही है। वर्ष 2015 में नए विमान के लिए 150 से 170 करोड़ रुपए के खर्च का आकलन किया गया। फिर सरकार ने 2017 में 195 करोड़ रुपए के प्रावधान को सैद्धांतिक सहमति दी। 2019 में नए जेट के लिए 200 करोड़ रुपए का बजट मंजूर किया गया। बताया जा रहा है कि सरकार के ताजा आकलन में यह कीमत अब 230 करोड़ रुपए तक आंकी जा रही है।