एनएचएस के डॉक्टरों ने 71 साल के चार्टर्ड अकाउंटेंट व दिल के मरीज एंड्रयू स्मिथ के दिल में सफलतापूर्वक इस डिवाइस को प्लांट किया है। उनका दावा है कि इस डिवाइस के माध्यम से दिल में होने वाली हर हलचल को बेहतर तरीके से मॉनिटर किया जा सकेगा और मरीज की स्थिति में इससे काफी सुधार की गुंजाइश होगी। स्मिथ को स्टेंट और पेसमेकर भी लगाया जा चुका था। स्मिथ के अनुसार, कार्डियोलॉजिस्ट ने बताया कि मेरा दिल 20 प्रतिशत क्षमता पर ही कार्य कर रहा है। मुझे माइक्रो कंप्यूटर डिवाइस की जानकारी मिली। मुझे लगा, अगर मैं इसे इस्तेमाल में लेता हूं तो डॉक्टर मेरा अधिक निगरानी के साथ इलाज करेंगे। इंपीरियल कॉलेज हेल्थकेयर में सलाहकार कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. जाचरी व्हिनेट ने बताया, इस डिवाइस का नाम वी-एलएपी है। यह पहला वायरलेस इन-हार्ट माइक्रो कंप्यूटर है, जो दिल में होने वाली हर गतिविधि को डेटा के माध्यम से डॉक्टरों तक पहुंचाता है। डिवाइस के चार्ज होने पर डॉक्टर दिन में दो बार डेटा अपडेट प्राप्त करते हैं। वे परिवर्तनों के लिए रोगियों को जल्दी से सचेत कर सकते हैं। वी-एलएपी मटर के आकार का सेंसर है, जिसमें दो लचीले नाइटिनोल तार बने होते हैं, जो इसे दिल के ऊपरी कक्षों के बीच की दीवार में डालते हैं।