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इंसानों की बेहतरी के लिए अब पौधों को भी सिखाना होगा तनाव का प्रबंधन!

locationजयपुरPublished: Apr 22, 2019 04:19:23 pm

Submitted by:

Amit Purohit

आप या हम, पिछले दिन, सप्ताह, माह या वर्ष भर से तनाव में हो सकते हैं लेकिन पौधे पिछले कुछ दशकों से तनाव में चल रहे हैं!

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इंसानों की बेहतरी के लिए अब पौधों को भी सिखाना होगा तनाव का प्रबंधन!

आमतौर पर इंसानी स्वभाव बदलाव को पसंद न करने वाला होता है, पौधों भी ऐसे ही होते हैं और उन्हें भी बदलाव पसंद नहीं है लेकिन उनके साथ बदलाव की स्थितियां बन रही हैं और वे तनाव में आ रहे हैं! पर्यावरण नाटकीय रूप से अधिक चरम मौसम की स्थिति पैदा कर रहा है और पौधों को यह बदलाव रास नहीं आ रहा है। कैलिफोर्निया में साल्क इंस्टीट्यूट फॉर बायोलॉजिकल स्टडीज ऐसे पौधों की ब्रीडिंग वाले मिशन पर है जो अधिक चरम मौसम की स्थिति में पर्यावरणीय तनाव को बेहतर ढंग से झेल सकते हो।
शोधकर्ताओं के अनुसार जीन की अभिव्यक्ति को नियंत्रित करने और तेजी से बदलते परिवेश का सामना करने के लिए पौधे क्लोरोप्लास्ट-टू-न्यूक्लियस कम्युनिकेशन का उपयोग करते हैं। आप में से जो जीव विज्ञान से अधिक परिचित नहीं है, उन्हें बता दें कि सूर्य की ऊर्जा से रासायनिक ऊर्जा में परिवर्तित होने के लिए जिम्मेदार प्लांट सेल संरचनाओं को क्लोरोप्लास्ट या हरितलवक कहते हैं। संक्षेप में, सेल का नाभिक स्थिर ऊर्जा उत्पादन को बनाए रखने के लिए क्लोरोप्लास्ट को सूचना प्रसारित करता है।
जैसा कि वैज्ञानिकों ने पता लगाया है कि इन क्लोरोप्लास्ट की भूमिका इसमें भी है कि कैसे क्षतिग्रस्त या तनाव वाले पौधों में प्रोटीन बनता है। इस प्रक्रिया को ठीक से समझ कर पर्यावरणीय तनावों पर बेहतर तरीके से प्रतिक्रिया देने वाले मजबूत पौधों को तैयार करने की चाबी को तलाशा जा सकता है। तनावग्रस्त पौधों में भोजन और वैकल्पिक ईंधन उत्पादन दोनों को नुकसान पहुंचाने के दूरगामी प्रभाव हो सकते हैं।
जैसा कि साल्क प्लांट मॉलिक्यूलर एंड सेल्युलर बायोलॉजी लेबोरेटरी के निदेशक और रिसर्च के वरिष्ठ लेखक प्रोफेसर जोआन चोरी का कहना है, ‘जलवायु परिवर्तन हमारी खाद्य प्रणाली को नाटकीय रूप से प्रभावित करने की क्षमता रखता है। जब पौधों पर इसका तनाव आता है तो असर सूखे की तरह होगा, वे कम उत्पादन करेंगे और फसल की पैदावार भी कम होगी।’
अगर हम समझते हैं कि पौधे तनाव के लिए प्रतिक्रिया कैसे देते हैं तो शायद हम उनके प्रतिरोध को बढ़ाने और खाद्य उत्पादन को उच्च रखने का एक तरीका विकसित कर सकते हैं। हालांकि पौधे प्राकृतिक पर्यावरणीय आपदाओं और पर्यावरण में तेजी से बदलाव का सामना करने में सक्षम हैं। फिर भी, जिस दर से हमारा पर्यावरण बदल रहा है, इस कोड को क्रेक करना महत्वपूर्ण होगा।

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