मामला उजागर होने के बाद जिला प्रमुख और सीइओ अपना बचाव करते नजर आए। उन्होंने कहा कि अभी अभियान की शुरूआत की गई हैै। इसे आगे सुधार किया जाएगा। इधर, बैठक में जिला प्रमुख अपनों से ही सदस्यों से घिरे नजर आए। बैठक में सदस्य मोहन डागर ने जिला प्रमुख पर आरोप लगाए कि जिला प्रमुख ने पंचायतों में बैठक नहीं होने दी। वहीं, गत चार साल में बैठक में उठाई गई समस्याओं का समाधान नहीं होने पर हंगामा हो गया।
रामगढ़ बांध का मुद्दा उठा, सिचाई अधिकारी ही नहीं आए जिला परिषद की साधारण सभा की बैठक में रामगढ़ बांध का मुद्दा गरमाया। बैठक में जिला परिषद सदस्यों ने एक सुर में कहा कि रामगढ़ बांध ने जयपुर को पानी पिलाया है, अब बीसलपुर बांध से पानी व्यर्थ बहाया जा रहा है। ऐसे में बीसलपुर बांध से रामगढ़ बांध में पानी आना चाहिए।
इस पर जिला कलक्टर जगरूप सिंह यादव ने बैठक में सिचाई विभाग के अधिकारियों को पुकारा तो कोई मौजूद नहीं मिला। इस पर सदस्यों ने विरोध किया। वहीं रामगढ़ बांध मुद्दे पर विधायक गोपाल मीणा बोले तक नहीं। इसके बाद करीब 45 मिनिट बाद अधिकारी पहुँचे। जमवारामगढ़ के प्रधान रामजीलाल मीणा ने मामला उठाते हुए कहा कि रामगढ़ सहित जिले के बांधों की दुर्दशा हो रही है। बारिश में बांध टूट गए। जिला कलक्टर ने निर्देश दिए कि जयपुर से 31 बांधों में बारिश से पहले किए गए कार्यों की रिपोर्ट बनाकर दें।
इधर साधारण सभा की बैठक में सदस्यों ने बारिश से टूटी सड़कों को सुधारने की मांग की। बैठक फोगिंग का मामला भी उठाया गया। बैठक में विधायक बाबूलाल नागर ने सरकारी तंत्र पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि अफसरों की काम करने की मंशा ही नहीं है। जो भी काम हो रहे हैं, वे फौरी तोर पर हो रहे हैं। विकास कार्यों में अफसर और जनप्रतिनिधियों के बीच तालमेल नहीं है। इस पर कलक्टर जगरूप सिंह यादव ने चुटकी लेते हुए कहा कि यह विधानसभा नहीं है। जिला परिषद की बैठक है।