नव गठित ‘जल शक्ति मंत्रालय’ खूब चर्चा में है। जल मंत्रालय की कमान केंद्र सरकार ने जोधपुर सांसद गजेंद्रसिंह शेखावत को सौंपी है। आपको बता है इस मंत्रालय ( Ministry of Water Resources, River Development and Ganga Rejuvenation, Government of India ) की नींव कहा से पड़ी…नहीं पता तो हम बताते हैं। गजेंद्र सिंह शेखावत ( gajendra singh shekhawat ) को मिलने वाले ‘जल शक्ति मंत्रालय’ की घोषणा राजस्थान में ही हुई थी।
गजेंद्र सिंह शेखावत के ‘जल शक्ति मंत्रालय’ की घोषणा राजस्थान में पहले ही कर गए थे PM मोदी, पढ़ें खास रिपोर्ट
जयपुर। लोकसभा चुनाव में प्रचंड बहुमत पाने के बाद PM नरेंद्र मोदी के दूसरे कार्यकाल का आगाज शुरू हो चुका है। मोदी केबिनेट के गठन के साथ ही देश-प्रदेश में नव गठित ‘जल शक्ति मंत्रालय’ खूब चर्चा में है। जल मंत्रालय ( Jal Shakti Ministry ) की कमान केंद्र सरकार ने जोधपुर सांसद गजेंद्रसिंह शेखावत को सौंपी है। आपको बता है इस मंत्रालय ( ministry of water resources ) की नींव कहा से पड़ी…नहीं पता तो हम बताते हैं।
गजेंद्र सिंह शेखावत ( gajendra singh shekhawat ) को मिलने वाले ‘जल शक्ति मंत्रालय’ की घोषणा राजस्थान में ही हुई थी। लोकसभा चुनाव प्रचार में राजस्थान आए पीएम मोदी ( PM Narendra Modi ) ने करौली जिले के हिंडौन सिटी में विजय संकल्प सभा को संबोधित करते हुए जल शक्ति मंत्रालय का एलान किया था।
मोदी हिंडौन सिटी में 3 मई को सभा करने आए थे। इस दौरान जनता को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा था कि जल की समस्या के समाधान के लिए अलग से जल शक्ति मंत्रालय का गठन किया जाएगा। पानी पर उनकी सरकार पसीना बहाएगी।
मोदी ने राजस्थान को लेकर ये भी कहा कि इस क्षेत्र में भी पानी की विकट समस्या है, इस कारण पानी पर पसीना बहाएंगे, समुद्र के खारे के पानी का उपयोग, बारिश के पानी का भंडारण और पानी के प्रबंधों पर काम करने के लिए जल शक्ति मंत्रालय का गठन किया जाएगा। केबिनेट गठन करते ही मोदी सरकार ने जल शक्ति मंत्रालय का भी गठन कर दिया और शेखावत को कमान दे दी।
बता दें कि जोधपुर से सांसद गजेंद्र सिंह शेखावत हमेशा से ही पीएम मोदी के खास लोगों में से गिने जाते रहे हैं। ऐसे में मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट जल शक्ति मंत्रालय की जिम्मेदारी शेखावत को सौंपी गई है।
वहीं, जल शक्ति मंत्रालय की ज़िम्मेदारी मिलने के तुरंत बाद गजेंद्र सिंह शेखावत एक्शन में नज़र आये। पोर्टफोलियो मिलने के बाद गजेंद्र सिंह शेखावत सबसे पहले मंत्री रहे जिन्होंने मंत्रालय का कामकाज संभाल लिया। उन्होंने श्रम शक्ति भवन पहुंचकर अपनी नई ज़िम्मेदारी संभाली। इस दौरान उन्होंने श्रम शक्ति भवन के सी विंग के प्रथम तल स्थित कांफ्रेंस रूम में मंत्रालय के अधिकारियों से मुलाक़ात की। जानकारी के अनुसार शेखावत को यहां 210 नंबर का चेंबर मिला है।
मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत के मंत्रालय की जिम्मेदारी संभालने के साथ ही देश-प्रदेश से बधाइयों का तांता सा लग गया। ट्वीटर पर राज्य की पूर्व सीएम वसुंधरा राजे, राजसमंद सांसद दीया कुमारी समेत कई दिग्गजों ने मंत्री शेखावत को बधाई दी।
सोशल मीडिया पर खोजा जा रहा है ‘जल शक्ति मंत्रालय’ नव गठित जल शक्ति मंत्रालय के बारे में सोशल मीडिया पर सर्वाधिक खोजा जा रहा है। ट्विटर पर कई विभाग व मंत्रालयों के वैरिफाइड हैंडल है। ऐसे में लोगों ने इस विभाग की पुष्टि व कामकाज के लिए इसे खूब सर्च किया। लेकिन जवाब में सिर्फ जल शक्ति मंत्रालय की-वर्ड ही मिला। गुगल पर भी इस शब्द से काफी सर्च किया गया।
नया है जल शक्ति मंत्रालय मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल में जल शक्ति मंत्रालय पहली बार अस्तित्व में आया है। दरअसल, चुनाव के दौरान ही पीएम मोदी ने लोगों को पीने योग्य पानी उपलब्ध कराने का वादा करते हुए इस नए मंत्रालय की ज़रुरत का ज़िक्र किया था। जानकारी के अनुसार जल शक्ति मंत्रालय में जल स्त्रोत, नदी विकास और गंगा सफाई को भी शामिल किया गया है। इसके साथ ही इसमें पीने योग्य जल और स्वच्छता को भी जोड़ा गया है। पूर्व में इस मंत्रालय से जुड़े विभाग नितिन गडकरी के पास थे।
राजस्थान के सांसदों को मिला मंत्रालय राजस्थान के तीन सांसदों को मोदी केबिनेट में जगह मिली है। इनमें जोधपुर से सांसद गजेंद्रसिंह शेखावत, अर्जुन राम मेघवाल और कैलाश चौधरी शामिल हैं। प्रदेश के दो सांसद मोदी सरकार में पहले भी रह चुके हैं वहीं, एक सांसद नए चुने गए हैं। राजस्थान से सांसद गजेंद्र सिंह शेखावत को जल शक्ति मंत्रालय का ज़िम्मा दिया गया है।
– राज्य मंत्री कैलाश चौधरी को कृषि एवम किसान कल्याण राज्य मंत्री का ज़िम्मा दिया गया है। – अर्जुन राम मेघवाल को संसदीय कार्य एवम भारी उद्योग व सार्वजनिक निगम राज्य मंत्री की ज़िम्मेदारी दी गई है।