शेखावत ने गुरुवार को जारी बयान में कहा कि राजस्थान में आयुष्मान बीमा योजना पर विराम लगने के पीछे सरकार का प्रदेशवासियों के प्रति गैर जिम्मेदार व्यवहार ही है। पूछने की बात है कि आखिर राजस्थान के कैंसर पीड़ितों को आयुष्मान बीमा योजना के तहत निशुल्क दवाएं क्यों नहीं मिल रहीं ? आरएमएससीएल ने 4 सितंबर 2020 के बाद अब तक टेंडर की प्रक्रिया क्यों आगे नहीं बढ़ाई ? गहलोत सरकार गरीबों की जिंदगी से खिलवाड़ क्यों कर रही है ?
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि क्या स्वास्थ्य मंत्री मानकर चल रहे हैं कि हर महीने 35 से 40 हजार रुपए की दवाएं गरीब आदमी खरीद सकता है ? यदि एक भी कैंसर पीड़ित की जान दवा न मिलने की वजह से गई तो क्या सरकार और आरएमएससीएल जिम्मेदारी लेने के लिए तैयार है ? शेखावत ने मांग की है कि टेंडर की लंबित प्रक्रिया जल्द से जल्द शुरू की जाए। सरकार दवा मुहैया कराने की अंतरिम व्यवस्था बनाए।