गुप्ता सोमवार को सचिवालय में विडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सभी जिला कलक्टरों के साथ प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि पात्र किसानों को जागरूक किया जाए, इसके लिए उन्होंने जिले में हेल्प डेस्क बनाने के निर्देश दिए।
राजस्थान के 15 लाख किसानों के लिए केन्द्र से आई खुशखबर, अगले दो दिनों में खातों में आएंगे रुपए उन्होंने कहा कि योजना के क्रियान्वयन के लिए ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज जैसी संस्थाओं को भी शामिल करें। मुख्य सचिव ने कहा कि पीएम किसान योजना में जहां पहले सीमांत एवं लघु किसान ही पात्र थे, लेकिन केन्द्र सरकार की संशोधित गाइड लाइन के अनुसार सीमांत एवं लघु किसानों के साथ वृहद किसानों को भी शामिल कर लिया गया है।
उन्होंने कहा कि आंकलन के अनुसार राज्य के लगभग 55 लाख किसान पीएम किसान योजना के लिए पात्र हैं। जिसमें से 38.10 लाख किसानों के आवेदन प्राप्त हो गए हैं। उन्होंने निर्देश दिए कि शेष 17 लाख किसानों के आवेदन प्राप्त कर योजना का क्रियान्वयन पूर्ण करें। तहसीलदार एवं जिला कलक्टर स्तर पर लंबित शेष आवेदनों का भी एक सप्ताह में सत्यापन करें। इसके अतिरिक्त नए 17 लाख किसानों से भी जून अंत तक आवेदन प्राप्त करें।
रजिस्ट्रारए सहकारिता ने राज्य में पीएम किसान योजना में धीमी प्रगति वाले जिलों यथा अजमेर, जयपुर, बारां, सिरोही, अलवर, पाली, बाड़मेर के बारे में मुख्य सचिव को अवगत कराया, जिस पर मुख्य सचिव ने संबंधित जिला कलक्टरों से योजना की धीमी प्रगति पर चिंता जाहिर करते हुए एक सप्ताह में लंबित प्रकरणों के निस्तारण के निर्देश दिए।
रजिस्ट्रारए सहकारिता एवं पीएम किसान योजना के स्टेट नोडल अधिकारी डॉ. नीरज के पवन ने योजना के एजेण्डे को सभी के समक्ष रखा। वीडियों कॉफ्रेंसिंग के दौरान अतिरिक्त मुख्य सचिव, कृषि पवन कुमार गोयल, प्रमुख शासन सचिव, सहकारिता अभय कुमार, आयुक्त, सूचना एवं प्रौद्योगिकी अम्बरीश कुमार सहित संबंधित अधिकारी उपस्थित थे।