इस तरह की स्थितियों को देखते हुए अब केंद्र सरकार ने पीएम-किसान पोर्टल बना दिया है। इस पोर्टल के जरिए कोई भी किसान अपना पंजीयन किसान सम्मान निधि योजना के लिए करवा सकता है। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के तहत किसानों को साल में कुछ छह हजार रुपए की आर्थिक सहायता केन्द्र सरकार उपलब्ध करवा रही है। यह राशि दो दो हजार रुपए की तीन किश्तों में किसानों तक पहुंचाई जा रही है। हालांकि देश के ज्यादातर राज्यों के किसान इस योजना से जुड़ चुके हैं लेकिन पश्चिम बंगाल की गैर भाजपा सरकार ने राज्य के किसानों का डाटा केन्द्र को नहीं भेजा। इस कारण पश्चिम बंगाल से एक भी किसान को इस योजना का लाभ नहीं मिल पाया। हालांकि कि देश में 7 करोड़ से ज्यादा किसानों को योजना के तहत लाभ मिल चुका है।
किसान योजना से सीधे जुड़ सकेंगे
कृषि मंत्रालय से मिली जानकारी के मुताबिक पीएम किसान पोर्टल पर किसान अपनी जमीन का ब्यौरा दर्ज कर अपना पंजीयन करवा सकते हैं। किसान के आधार नंबर और अन्य जरूरी दस्तावेजों की जांच के बाद उन्हें योजना का लाभ दिया जाएगा। इस नई व्यवस्था के बाद किसानों को राज्य सरकार के भरोसे नहीं रहना पड़ेगा।
2018 में शुरू हुई थी योजना
इस योजना का लाभ लेने के मामले में सभी राज्याें में उत्तरप्रदेश नंबर वन पर है। आपको बता दें कि पीएम-किसान योजना एक दिसंबर 2018 को शुरू हुई थी। इस योजना की खास बात यह है कि कोई भी किसान जिसके पास भूमि है वो इस योजना के तहत आवेदन कर सकता है। उसकी पात्रता की जांच के बाद केन्द्र सरकार की ओर से एक साल में तीन किश्तों के जरिए कुल छह हजार रुपए की आर्थिक सहायता उपलब्ध करवाई जाएगी। यह सहायता दो दो हजार रुपए की तीन किश्तों के रूप में उपलब्ध करवाई जाएगी।