अंक ज्योतिषशास्त्री संतोष शर्मा का कहना है कि ज्योतिष में नौ नंबर को पूर्ण अंक कहा गया है और यह मंगल का कारक भी है। यानि मंगल सब कुछ है अंक ज्योतिष में। अब नौ नंबर और पीएम का कनेक्शन इस बार कुछ बेहतर लाने की तैयारी में है। अक्सर रात के समय आने वाले पीएम इस बार दिन सवेरे नौ बजे आए। पहले वे आठ बजे आ रहे थे रात के समय। आठ यानि शनि का अंक। अब नौ नंबर यानि पूर्णता की ओर देश को ले जाने की तैयारी है। इस नौ मिनट के दौरान नौ माटी के नौ दीपक जलाकर नौ मिनट तक गायत्री मंत्र, महा मत्युंजय मंत्र या फिर किसी भी धर्म के अपने ईष्ट को याद करने का प्रभाव पूरा देश देखेगा।
अब ज्योतिष इसका किस तरह से विश्लेषण करता है यहां देखिए…। ज्योतिषचार्य राजकुमार चतुर्वेदी का कहना है कि पीएम के इशारे ही देश के लिए काफी होते हैं, इस बार जो इशारा है वह सबसे बड़ा और सबसे बलवान है। दरअसल रविवार को प्रदोष तिथी है जो शिव को सबसे प्रिय है। इस तिथी में शिव के तांडव स्वरुप यानि मकाहाल भैरव की पूजा और वह भी सबसे बडे तरीके यानि नौ दीपकों के दान से अगर देश की आधी जनसंख्या भी करती है तो इतनी बड़ी पूजा शायद ही देश में पहली बार होगी। शिव को नीलकंट कहा गया है यानि जहर पीने वाले देवता और भैरव की पूजा अज्ञात और अदृश्य शत्रु से बचने और मौत के डर से बचने के लिए की जाती है। यानि प्रदोष के समय काल भैरव नौ दिन जलाकर नौ मिनट तक महामंत्युंजय का जाप नौ बार भी कर लिया तो इसका असर बेहद चमत्कारी होने वाला है।
ज्योतिषाचार्य आचार्य रजनीश का कहना है कि विक्रम संवत 2077 शुरु हुआ है पिछले महीने से ही…। साल के राजा बुध और मंत्री चंद्रमा हैं। पांच अंक का स्वामी बुध होता है, मंत्री चंद्रमा यानि रात का समय। जिस समय देश दीपदान करेगा उस समय चंद्रमा बलि और प्रभावी रहेगा। दीपदान के समय तुला लग्न की कुंडली होगी, सूर्य रोग के घर में बैठे होंगे और पूर्वा फाल्गुनि नक्षत्र होगा जिसके स्वामी शुक्र होते हैं। यानि पांच अप्रेल के इस दीपदान या पूजा के बाद शुक्र जो कि रोग और चिंता के कारक हैं वे किसी कैमिकल या दवाई की मदद से इस रोग को हरने का भी काम करेंगे।