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‘Text और Tweet के दौर में कहीं हमारी नई पीढ़ी गंभीर ज्ञान से दूर न हो जाए’, जानें ‘पत्रिका’ कार्यक्रम में PM Modi की बड़ी बातें

locationजयपुरPublished: Sep 08, 2020 08:59:20 pm

Submitted by:

Nakul Devarshi

राजस्थान के सभी इलाकों के वास्तुशिल्प और सांस्कृतिक विरासत को प्रदर्शित करने वाले पत्रिका गेट को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वर्चुअल समारोह में देशवासियों को समर्पित किया। पीएम मोदी ने इस मौके पर ‘राजस्थान पत्रिका’ समूह के प्रधान संपादक गुलाब कोठारी द्वारा रचित दो ग्रंथ ‘संवाद उपनिषद्’ और ‘अक्षर यात्रा’ का भी विमोचन किया।

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जयपुर।

राजस्थान के सभी इलाकों के वास्तुशिल्प और सांस्कृतिक विरासत को प्रदर्शित करने वाले पत्रिका गेट को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वर्चुअल समारोह में देशवासियों को समर्पित किया। पीएम मोदी ने इस मौके पर ‘राजस्थान पत्रिका’ समूह के प्रधान संपादक गुलाब कोठारी द्वारा रचित दो ग्रंथ ‘संवाद उपनिषद्’ और ‘अक्षर यात्रा’ का भी विमोचन किया। कार्यक्रम में विशिष्ठ अतिथि के रुप में सीएम अशोक गहलोत और राज्यपाल कलराज मिश्र शामिल हुए।
‘आकर्षण का केंद्र बनेगा पत्रिका गेट’

प्रधानमंत्री ने पत्रिका गेट का लोकार्पण करते हुए कहा कि ये गेट राजस्थान में आने वालों के लिए आकर्षण का केंद्र बनेगा। उन्होंने कहा कि पत्रिका के संस्थापक कर्पुर चंद कुलिश ने भारतीयता के संकल्प के साथ पत्रिका को शुरू किया था। कुलिश जी ने वेदों के ज्ञान को सरल तरीके से समाज तक पहुँचाने का प्रयास किया जो अद्भुत है, प्रेरक है।
‘सकारात्मकता व्यक्तित्व के लिए भी ज़रूरी’

उन्होंने कहा कि सकारात्मकता देने की सोच सिर्फ पत्रकारिता से नहीं, व्यक्तित्व के लिए भी होना ज़रूरी है। कुलिश जी की सोच को पत्रिका समूह और गुलाब कोठारी जी निरंतर आगे बढ़ा रहे हैं। कोरोना के सम्बन्ध में मीडिया से जब बात की थी तब भी कोठारी के शब्द ने कुलिश जी की याद दिला दी थी। कोठारी के दो ग्रंथों का विमोचन करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि कोठारी की पुस्तक में उपनिषद का ज्ञान मिलता है।
‘लेखक-साहित्यकार पथप्रदर्शक हैं’

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि किसी भी समाज में समाज का प्रबुद्ध वर्ग, समाज के लेखक या साहित्यकार पथप्रदर्शक की तरह होते हैं, समाज के शिक्षक होते हैं। स्कूली शिक्षा तो खत्म हो जाती है, लेकिन हमारे सीखने की प्रक्रिया पूरी उम्र चलती है। इसमें बड़ी अहम भूमिका पुस्तकों और लेखकों की भी है।
‘भारतीयता-राष्ट्रीयता के साथ हुआ देश में लेखन’

प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारे देश में लेखन का निरंतर विकास भारतीयता और राष्ट्रीयता के साथ हुआ है। स्वतंत्रता संग्राम के दौरान लगभग हर बड़ा नाम, कहीं न कहीं से लेखन से भी जुड़ा था।
‘… कहीं गंभीर ज्ञान से दूर ना हो जाए नई पीढ़ी’

पीएम मोदी ने कहा कि आज text और tweet के इस दौर में ये और ज्यादा जरूरी है कि हमारी नई पीढ़ी गंभीर ज्ञान से दूर न हो जाए। उपनिषदों का ज्ञान व वेदों का चिंतन केवल आध्यात्मिक और दार्शनिक आकर्षण का ही क्षेत्र नहीं है, वेद और वेदांत में सृष्टि व विज्ञान का भी दर्शन है।
‘हम विरासत-सामर्थ्य को लेकर बढ़ रहे हैं’

प्रधानमंत्री ने कहा कि आज विश्व जिन समस्याओं से जूझ रहा है उसकी चर्चा हजारों साल पहले हुई है। उन्होंने कहा कि आज हम अपनी विरासत और सामर्थ्य को लेकर आगे बढ़ रहे हैं।
‘अक्षर हमारी अभिव्यक्ति की पहली इकाई’

अक्षर हमारी भाषा की, हमारी अभिव्यक्ति की पहली इकाई होते हैं। संस्कृत में अक्षर का अर्थ है, जिसका क्षरण न हो, यानि जो हमेशा रहे। हजारों साल पहले जो विचार, जो ज्ञान किसी ऋषि, वैज्ञानिक ने हमें दिया, वो आज भी संसार को आगे बढ़ा रहा है।
‘आत्मनिर्भर भारत’ को अभियान की शक्ल दे रहा मीडिया

प्रधानमंत्री ने कहा कि आज जब हम आत्मनिर्भर भारत की बात कर रहे हैं, ‘वोकल फॉल लोकल’ की बात कर रहे हैं तो हमारा मीडिया इस संकल्प को एक बड़े अभियान की शक्ल दे रहा है। हमें अपने इस विजन को और व्यापक करने की जरूरत है।
‘मीडिया को भी ग्लोबल होने की ज़रुरत’

प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत के उत्पाद तो ग्लोबल हो ही रहे हैं, भारत की आवाज भी ग्लोबल हो रही है। दुनिया भारत को अब और ज्यादा ध्यान से सुनती है। आज लगभग हर अंतरराष्ट्रीय मंच में भारत की मजबूत उपस्थिति है। ऐसे में भारतीय मीडिया को भी ग्लोबल होने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि मीडिया की भी आलोचना होती है, लेकिन आलोचना से सीखना भी ज़रूरी है। यही वजह है कि लोकतंत्र मजबूत हुआ है।
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