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गहलोत के राज में मोदी सरकार का ड्रीम प्रोजेक्ट फेल!, देखिए रिपोर्ट

locationजयपुरPublished: Aug 10, 2019 12:56:04 pm

Submitted by:

Pawan kumar

-जयपुर में कछुआ चाल से भी धीमा चल रहा स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट- 3 साल में पूरा होना था प्रोजेक्ट, अब तक सिर्फ 17 फीसदी काम- 2400 करोड़ रूपए में से 420 करोड़ के ही कार्य हुए

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PM Narendra Modi

जयपुर। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ( Pm Narendra Modi ) का ड्रीम प्रोजेक्ट स्मार्ट सिटी ( smartcity project ) गहलोत राज ( Gahlot govt ) में कछुआ चाल से भी धीमी गति से रेंग रहा है। राजधानी जयपुर में स्मार्ट सिटी परियोजना की गति देखें तो कछुआ भी शरमा जाए। 25 जून 2016 को जयपुर में जोरशोर से लॉन्च किया गया 2400 करोड़ का स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट 3 साल की अवधि में 2019 के आखिर तक पूरा होना था। लेकिन 3 साल बीतने के बाद अब तक सिर्फ 17 फीसदी काम ही हो पाया है।
2400 में से 420 करोड़ के ही काम
जानकारी के अनुसार जयपुर स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के लिए करीब 2,400 करोड़ रूपए के डवलपमेंट एवं स्मार्ट कार्य प्रस्तावित किए गए। जयपुर में किशनपोल बाजार को एरिया बेस्ड डवलपमेंट (एबीडी) के लिए चुना गया। किशनपोल बाजार को स्मार्ट बनाने के लिए 2,400 करोड़ रूपए में से 1,500 करोड़ रूपए खर्च किए जाने हैं। स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के अब तक हुए ज्यादातर कार्यों में किशनपोल बाजार में चल रहे हैं। जयपुर शहर में स्मार्ट सिटी मिशन के तहत 420 करोड़ के कार्यों में से कुछ पूरे हो गए हैं और कुछ चल रहे हैं। इनमें किशनपोल बाजार का जीणोद्धार, रूफटाॅप सोलर प्रोजेक्ट, स्कूलों में स्मार्ट क्लासरूम, राजस्थान स्कूल आॅफ आर्ट का जीर्णोद्धार, स्मार्ट टाॅयलेट्स और बाइसाईकिल शेयरिंग प्राजेक्ट का काम चल रहा है। चारदीवारी के भीतर बरामदों की मरम्मत, गंदी गलियों की मरम्मत जयपुरिया हाॅस्पिटल, चौगान स्टेडियम और चांदपोल अनाज मंडी में मल्टीलेवल पार्किंग का निर्माण चल रहा है। स्मार्टसिटी प्रोजेक्ट के तहत अब तक हुए कार्यों में से ज्यादातर किशनपोल बाजार, चांदपोल बाजार और चारदीवारी क्षेत्र में ही करवाए जा रहे हैं।
पर्यटन विभाग कर रहा स्मार्ट सिटी के उलट काम
जयपुर में स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत पार्कों में हरियाली विकसित करनी है। पार्क के ज्यादा हिस्से में पेड़—पौधे और हरी घास लगाई जानी है। लेकिन पर्यटन विभाग ने पौंडरिक उद्यान में और जेडीए ने रामनिवास बाग में हरी घास को उखाड़कर उनकी जगह पत्थर लगा दिए हैं। यह सीधे तौर पर स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के ठीक उलट हुआ है। वहीं, जयपुर में बस शेल्टर्स पर स्मार्ट साइनेज लगाए जाने हैं। इन साइनेज पर बसों के आने-जाने का समय और बस की करंट लोकेशन दिखाई देगी। साथ ही यात्रियों को काॅमन स्मार्ट कार्ड उपलब्ध करवाने की योजना है, जिससे लोग लो फ्लोर बस, मिनी बस, मेट्रो ट्रेन और कैब का किराया एक ही कार्ड से चुका सकें। लेकिन यह योजना अब तक कागजों पर ही है। स्मार्ट सिटी में नई काॅलोनियों में भूमिगत वायरिंग की जानी है।

कोटा, अजमेर, उदयपुर में ये हैं हाल
स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत कोटा में 126 करोड़ के ही कार्य किए गए हैं। इनमें से भी बहुत से अधूरे हैं। कोटा में करवाए गए कायों में दशहरा मैदान प्रथम चरण, स्मार्ट सिटी क्लासरूम, इ-आॅफिस प्रोजेक्ट, लाइव व्यू ग्रीन वाॅल इलेक्ट्रिक डिस्ट्रीब्यूशन बाॅक्स, बावड़ियों का जीर्णोद्धार, स्ट्रीट लाइटिंग और अभय कमाण्ड सेन्टर का निर्माण शामिल है।
अजमेर में स्मार्ट सिटी मिशन के तहत अब तक 348 करोड़ के कार्य चल रहे हैं। जिनमें सुभाष उद्यान, लेक फोर्ट विकास, जलापूर्ति कार्य, साइंस सेन्टर का निर्माण, सीवरेज कनेक्शन, आॅडिटोरियम एवं सूचना केन्द्र का जीर्णोद्धार, आना सागर लेक का विकास, स्मार्ट
क्लासरूम का निर्माण किया जा चुका है। एलिवेटेड रोड का निर्माण जारी तथा शहर में माॅर्डन साइनेज बनाए जा रहे हैं। साथ ही हेरीटेज भवनों का जीर्णोद्धार किया गया है।
उदयपुर स्मार्ट सिटी में 675 करोड़ के कार्य चल रहे हैं। उदयपुर में अभय कमांड कंट्रोल सेन्टर निर्माण, रूफटाॅप सोलर प्लान्ट, बावड़ियों का जीर्णोद्धार, स्मार्ट क्लासरूम, पार्किंग निर्माण कार्य, नई सीवरेज लाइन और पुरानी लाइनों का बदलाव, पेयजल लाइनों का बदलाव, सड़कों का निर्माण, बस शेल्टर निर्माण एवं राजकीय विद्यालयों में रूफटाॅप ट्रीटमेंट और शौचालयों का निर्माण करवाया जा रहा है।
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