दोनों ही संस्थानों को मिली इस सौगात उद्घाटन सुबह 10.30 बजे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो कॉफ्रेंसिंग के जरिए किया। इस दौरान PM MODI ने सबसे पहले उन्होंने देश में आयुर्वेद की महत्ता पर बात की और राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान के अधिकारी व कर्मचारियों को आयुर्वेद दिवस की बधाई दी। इसके साथ ही संस्थान के डीम्ड यूनिवर्सिटी यानी मानद विश्वविद्यालय का दर्जा मिलने पर खुशी जताई।
उन्होंने कहा कि इस तरह आयुर्वेद में नए शोध होंगे और यह मुख्य चिकित्सा में शामिल होंगे। उन्होंने कोरोना काल में आयुर्वेद शोधकर्ताओं और सभी डॉक्टर को कोरोना वॉरियर्स के रूप में काम करने पर बधाई भी दी। यहां उन्होंने आयुर्वेद संस्थान के मानद विश्वविद्यालय को राष्ट्र को समर्पित किया। उन्होंने कहा कि आयुर्वेद संस्थानों के राष्ट्र के प्रति समर्पण से वैश्विक नेतृत्व की भूमिका निभाने की उम्मीद है।वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में राज्य के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, राज्यपाल कलराज मिश्र, केंद्रीय मंत्री श्रीपद नाइक भी मौजूद रहे।
नए पद सृजित करने की मांग
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इस मौके पर कहा, उम्मीद है कि एनआईए को मानद विश्वविद्यालय का दर्जा देने से और भी लाभ होगा। आयुर्वेद चिकित्सा क्षेत्र में राजस्थान सरकार की जो नेटवर्किंग है, उससे हर जिले में आयुर्वेद चिकित्सा उपलब्ध है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राजस्थान पहले से ही आयुर्वेद में अग्रणी है। उन्होंने पीएम मोदी से मांग की कि आयुर्वेद में फार्मासिस्ट पद सृजित हों, केंद्रीय आयुष नर्सिंग परिषद की स्थापना की जाए, नाड़ी विज्ञान अधिकारी का प्रसार किया जाए।
कोरोना में कारगर है आयुर्वेद
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में शामिल केंद्रीय मंत्री श्रीपद नाइक ने कहा कि जयपुर के एनआईए को मानद विश्वविद्यालय का दर्जा मिलने से आयुर्वेद चिकित्सा पढ़ने वालों को लाभ होगा। अभी देशभर में 5 लाख वैद्य हैं, आने वाले समय में आम लोगों को यह सुविधाएं ज्यादा मिलेंगी। अभी आयुष चिकित्सा पद्धतियों से देश के लोगों को सस्ती चिकित्सा सुविधाएं मिल रही हैं। कोरोना से लड़ने में में आयुष औषधियों का महत्वपूर्ण योगदान रहा है। कोरोना संक्रमितों को आयुर्वेद से अन्य चिकित्सा पद्धतियों से ज्यादा लाभ मिला है।
आयुर्वेद शिक्षा का होगा विस्तार
संस्थान के निदेशक प्रोफेसर संजीव शर्मा ने कहा कि भारत की सार्वजनिक स्वास्थ्य चुनौतियों के लिए प्रभावी और सस्ती चिकित्सा सुविधाएं देने के लिए आयुर्वेद संस्थान प्रयास कर रहा है। इसी क्रम में आयुष शिक्षा का आधुनिकीकरण किया जा रहा है। अब एनआईए, जयपुर को विश्वविद्यालय (डी नोवो) की श्रेणी में रखा गया है। यह केवल आयुर्वेद शिक्षा के आधुनिकीकरण में ही नहीं बल्कि पारंपरिक चिकित्सा के विकास में ही एक ऐतिहासिक कदम है। यह आयुर्वेद शिक्षा के मानकों को उन्नयन करने के लिए स्वायत्तता प्रदान करेगा।