कई ठेले वालों ने बताया कि उन्हें तो रोज कमाने के बाद ही शाम को दाल रोटी का जुगाड़ होता है, पिछले कई दिन रोजगार नहीं था, तो घर में रोटी के भी लाले पड़ गए। लोगों ने कहा की मोदी की सभा से उन्हें फायदा तो कुछ नहीं हुआ नुकसान जरूर हुआ। लोगों ने मोदी के प्रति नाराजगी व्यक्त की। थड़ी—ठेले वालों का कहना था कि वे रविवार को हमेशा अवकाश रखते हैं, लेकिन इस बार दुकान खोली, ठेले लगाए। जिससे दो जून की रोटी का कोई जुगाड़ हो सके।
सभा के बाद कार्यकर्ता लोगों के लिए पानी की थैली के भरे हुए कटटे भी सभा स्थल पर ही छोड़ गए, इनसे कठपुतली नगर के बच्चे खेलते नजर आए। कठपुतली नगर के बच्चे इन कटटों को उठाकर अपने घर ले गए। इनमें पानी की भरी हुई थैलियां रखी थी।