छह हजार क्यूसके पानी इंदिरा गांधी नहर में लाने के लिए उसकी क्षमता बढ़ाने के साथ-साथ मौजूदा स्ट्रक्चर को ठीक करने की भी जरूरत है। इसके बिना अतिरिक्त पूरा पानी नहीं लाया जा सकता है। इस काम पर करीब 3200 करोड़ रुपए खर्च होंगे। जल संसाधन विभाग ने इसमें से करीब 1 हजार करोड़ रुपए के काम के लिए निविदा जारी कर दी है।
-फिरोजपुर फीडर को पंजाब और राजस्थान के किसानों की लाइफ लाइन माना जाता है। इसकी क्षमता 11,192 क्यूसेक की है, लेकिन नहर में 7500 क्यूसेक से ज्यादा पानी नहीं छोड़ा जा सकता है।
-यही हालत इंदिरा गांधी नहर की है। इसकी मूल क्षमता 18500 क्यूसेक रही, लेकिन 12 हजार क्यूसेक ही पानी चल पाता है।
-इसी तरह गंगनहर की क्षमता 3000 क्यूसेक की है, लेकिन यह 2400 -2500 क्यूसेक से ज्यादा पानी नहीं ले पाती। यही कारण अतिरिक्त पानी पाकिस्तान जा रहा है।