मंत्रालय ने तय किया है कि 2024 तक ग्रामीण इलाकों में हर घर में पाइपलाइन के जरिए पानी पहुंचाया जाएगा। राजस्थान में अभी 12 प्रतिशत घरों में ही पाइपलाइन के जरिए पानी सप्लाई हो रहा है। मंत्रालय ने गठन के साथ ही सभी राज्यों के प्रमुख सचिव को पत्र लिखकर पानी बचाने की दिशा में काम शुरू करने के निर्देश दिए थे।
-निकायों में रेन वॉटर हार्वेस्टिंग सैल का होगा गठन
-यह सैल शहर में भूजल दोहन और रिचार्ज की मॉनिटरिंग करेगी
-पानी बचाने के लिए सुझाव भी देगी
-सैल के अधिकारी इमारतों की जांच करेंगे
-स्ट्रक्चर नहीं बने होन या फंक्शनल नहीं होने पर होगी कार्रवाई
-फुटपाथ ओर पार्कों के वॉक वे पर भी होगा कामकाज
-पेड़ों के चारों तरफ परफोर्टेड पेवर ब्लॉक्स लगाए जाएंगे
-शहर में सभी तरह की इमारतों में ड्यूल पाइप की करेंगे जांच
-ट्रेडिशनल वॉटर बॉडीज पर पूरा फोकस होगा
-कम से कम एक वॉटर बॉडी रिवाइवल की जिम्मेदारी निकाय लेगा
-सभी प्रमुख ट्रेडिशनल बॉडीज चिन्हित होगी
-अतिक्रमण से बचाने के लिए इनकी जीयो टैगिंग होगी