सीएम गहलोत ने बताया, ‘हमारी जो योजनाएं रुकी हुई थीं रिफाईनरी की, ब्रॉडगेज की, डूंगरपुर-बांसवाड़ा-रतलाम, सरमथुरा-गंगापुर सिटी वाया करौली, नसीराबाद-सवाईमाधोपुर वाया टोंक और मेमू कोच फैक्ट्री भीलवाड़ा के बारे में प्रधानमंत्री से चर्चा हुई है।’
पूर्ववर्ती सरकार की शिकायत
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात पर सीएम अशोक गहलोत ने मीडिया को अपनी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि पिछले 5 साल में पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने रिफाइनरी, बांध परियोजना, आदिवासियों के ब्रॉडगेज और मेट्रो प्रोजेक्ट को रोक कर प्रदेश का नुकसान पहुँचाया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री को उस पत्र की भी कॉपी भी दी जिसमें किसानों की सहायता के लिए आग्रह किया था।
मुख्यमंत्री गहलोत का कहना है कि जिस रिफाइनरी का शिलान्यास सोनिया गांधी द्वारा किया गया था उसको दोबारा प्रधानमंत्री मोदी ने शिलान्यास किया। जिस परियोजना को मुख्यमंत्री घाटे का सौदा बता रही थी आखिर इतने वर्ष उसको लटकाने के बाद वही 26% भागीदारी रखी। पूर्व मुख्यमंत्री राजे को इसका जवाब देना चाहिए।
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि नरेंद्र मोदी या उनके कैबिनेट का कोई सदस्य या फिर बीजेपी का कोई मुख्यमंत्री चुनाव के दौरान कांग्रेस द्वारा उठाए जाने वाले सवालों का जवाब भी नहीं दे पाएगा। गहलोत ने कहा की जनता के सामने बीजेपी की पोल खुल चुकी है।
ममता बनर्जी का समर्थन
गहलोत ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का समर्थन करते हुए कहा कि जिस प्रकार केंद्र ने आधी रात को सीबीआई को पुलिस ने बंधक बनाया उसके बाद सीबीआई की साख पर सवाल उठने लगे। आखिर कितनी बुरी परिस्थितियों के चलते ममता बनर्जी को धरना देना पड़ रहा है।
गहलोत ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का समर्थन करते हुए कहा कि जिस प्रकार केंद्र ने आधी रात को सीबीआई को पुलिस ने बंधक बनाया उसके बाद सीबीआई की साख पर सवाल उठने लगे। आखिर कितनी बुरी परिस्थितियों के चलते ममता बनर्जी को धरना देना पड़ रहा है।
दरअसल, सीएम अशोक गहलोत इन दिनों दिल्ली में हैं। सीएम गहलोत ने सोमवार को नई दिल्ली में ही केन्द्रीय सड़क परिवहन एवं राष्ट्रीय राजमार्ग और जल संसाधन, नदी विकास एवं गंगा पुर्नरूद्धार मंत्री नितिन गडकरी से भी मुलाकात की थी। इस मुलाक़ात में सीएम ने गडकरी से केन्द्र के पास लम्बित प्रदेश की सड़क एवं जल संसाधन परियोजनाओं को समय पर पूरा करवाने के लिए विशेष केन्द्रीय सहायता और यमुना एवं नर्मदा जल परियोजनाओं में राजस्थान को अपने हिस्से का पूरा पानी दिलवाने के लिए केन्द्र सरकार से हस्तक्षेप करने का आग्रह किया था।