भाजपा मुख्यालय पर प्रदेश कार्यसमिति की बैठक के बाद सिंह ने पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे खेमे के नेताओं की बयानबाजी को लेकर कहा बयान देने से पहले सोचें कि इससे पार्टी का हित होगा या नुकसान। कोई भी नेता और कार्यकर्ता के बयान से पार्टी को नुकसान होता है तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। हालांकि सिंह ने कहा कि अभी तक प्रदेश के किसी प्रमुख नेता ने ऐसा कोई विवादित बयान नहीं दिया है। सिंह ने पत्रकार वार्ता में कहा कि मैंने प्रदेश नेतृत्व को कहा है कि बहुत हो चुका है। ऐसे नेताओं की सूची बनाओ जो बयानबाजी कर रहे हैं। ऐसे नेताओं को समझाएंगे और नहीं माने तो कार्रवाई की जाएगी। सिंह ने कहा कि सभी संयम से काम करें। बयान देना हो तो कांग्रेस के कुशासन के खिलाफ बयानबाजी करें। सिंह नसीहत देते हुए कहा कि कांग्रेस अपने बारे में सोचे। कांग्रेस पहले सचिन पायलट और गहलोत के झगड़े को निपटाए। पंजाब के घमासान को निपटाए। बंगाल में एक भी सीट नहीं आई पुडुचेरी और असम में उनकी सरकार गई और हमारी सरकार बनी। इस पर कांग्रेस सोचे।
मुझे समझ नहीं आता गहलोत घर से क्यों नहीं निकलते सिंह ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि मुझे समझ नहीं आता कि गहलोत घर से क्यों नहीं निकलते। जनता से क्यों नहीं मिलते। जबकि यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ कोरोना निगेटिव होने के बाद प्रवास पर निकले और जनता से मिले। उन्होंने मंत्रियों को भी घरों से बाहर निकलकर जनता की समस्याओं का समाधान करने की सलाह दी। सिंह ने कहा कि कांग्रेस शायद मान चुकी है कि दोबारा सत्ता में नहीं आने वाले, इसलिए जितना हो सके उतना सत्ता सुख भोगने की इनकी नियत दिख रही है। राजस्थान में सोती हुई सरकार जाग जाए तो जनता का भला हो। सिंह ने प्रदेश में बढ़ते अपराध, ध्वस्त कानून व्यवस्था को लेकर भी निशाना साधा और वैक्सीन की बर्बादी को लेकर भी सरकार को कटघरे में खड़ा किया। उन्होंने कहा कि राजस्थान देश का ऐसा प्रदेश है जहां वैक्सीन को जमीन में दबाया गया और वेंटीलेटर्स को कूड़ेदान में डाला गया।
राहुल-सोनिया नहीं संभाल पाएंगे बवाल कांग्रेस की अंतर्कलह को लेकर सिंह ने कहा कि जिस दिन प्रदेश में मंत्रिमंडल फेरबदल होगा। उस दिन कांग्रेस में बड़ा विस्फोट हो सकता है। इस बवाल को सोनिया गांधी और राहुल गांधी भी नहीं संभाल पाएंगे।