जम्मू-कश्मीर के उधमपुर में चेनानी कस्बे को रामबन जिले के नशरी कस्बे से जोड़ती है। यह पटनीटॉप इलाके में पड़ती है। जम्मू—कश्मीर राष्ट्रीय राजमार्ग पर शिवालिक की पहाड़ियों पर बनी है। इसी सुरंग की लंबाई 9.2 किलोमीटर है। यह सुरंग एशिया की सबसे लंबी सुरंगों में से एक है। इस सुरंग के खुलने के बाद श्रीनगर और जम्मू के बीच का रास्ता सिर्फ दो घंटे में पूरा हो जाता है। यह भारत की सबसे बड़ी सड़क सुरंग है।
दुनिया की सबसे ज्यादा ऊंची और भारत की दूसरी सबसे बड़ी सड़क सुरंग में रोहतांग का नाम आता है। यह हिमाचल प्रदेश के रोहतांग दर्रा के नीचे और 3878 मीटर की ऊंचाई पर बनाई गई है। इसकी कुल लंबाई 8.8 किलोमीटर है। इसके खुलने के बाद लाहौल और स्पिति वैली तक सड़क आवागमन सुचारू हो गया है। इससे लेह-मनाली हाईवे की लंबाई इससे 46 किलोमीटर कम हो गई है।
जम्मू से कश्मीर को जोड़ने वाली बनिहाल से काजीगुंड तक बनी सड़क सुरंग शुरू हो रही है। यह देश की तीसरी सबसे लंबी सुरंग है। इसकी लंबाई 8.45 किलोमीटर है। इसकी ऊंचाई जवाहर सुरंग से कम 400 मीटर है। इससे जम्मू-कश्मीर पहुंचने की दूरी डेढ़ घंटे कम हो जाएगी। करीब 16 किलोमीटर की यह दूरी मात्र 15 मिनट में तय हो जाएगी। पीरपंजाल पहाड़ी पार करने के बाद दोनों तरफ जो मैदानी इलाका पड़ता है उसमें इस टनल की टयूब खुलती हैं। यही वजह है कि यह हर मौसम में चालू रहेगी।
राजस्थान के जयपुर में बनी सुरंग देश की चौथी सबसे बड़ी सड़क सुरंग है। यह जयपुर के पूर्वी हिस्से से घुसने और बाहर निकलने के लिए बनाई गई है। इस सुरंग की लंबाई 2.8 किलोमीटर है। इसके आसपास कई ऐतिहासिक इमारते हैं। इसे झलाना हिल्स पर बनाया गया है। साथ ही पूरे रास्ते पर आधुनिक लाइटें भी लगाई गई हैं। बहुत जल्द ही इस सुरंग से टोल भी समाप्त हो जाएगा।
यह चंडीगढ़-मनाली राष्ट्रीय राजमार्ग 21 का हिस्सा है। लार्जी बांध जलाशय के पास बनी अॉट सुरंग की लंबाई 2.76 किलोमीटर है और इससे हिमाचल प्रदेश के कुल्लू-मनाली जाने में आसानी होती है।