जयपुर

कोरोना से करें किनारा

कोरोना को लेकर लोगों को जागरुक करने वाली एक रचना.

जयपुरMay 20, 2020 / 08:26 pm

Chand Sheikh

कविता
डॉ. गजादान चारण ‘शक्तिसुत’

जाग चुका है कोना कोना
छोड़ चुके गफ़लत में खोना
मिलकर सारे करें सामना,
क्या कर लेगा रोग कोरोना?

चिकित्सकों की बातें मानें
दृढ़ होकर संयम-धनु तानें
सावधान रहना और रखना,
आओ मिलकर ऐसी ठानें।
बचाव जहां उपचार बना है
लापरवाही सख्त मना है
अब भारत ने ठान लिया है,
कोरोना को ‘कोरी’ *ना* है।

देश का आह्वान यही है
हम सबका ज्ञान यही है
संत सयाने सबका कहना,
सजग रहें, वरदान यही है।
हल्के में मत लेना भाई
करनी होगी बड़ी लड़ाई
भूल करे, उनको समझाएं
समझाो इसको नेक कमाई।

डरें नहीं अरु नाहिं डराएं
बस जागृति का पाठ पढ़ाएं
मोबाइल पर करें ‘हथाई’
भीड़ भाड़ में काहे जाएं।

हाथ जोड़ अभिवादन करना
बंद करें बाजार-विचरना
बैठें तो बिच में हो दूरी,
डटें रहेंगे, काहे डरना?
यही रहे संकल्प हमारा
भारत स्वस्थ रहेगा सारा
पूरा रख परहेज साथियो!
कोरोना से करें किनारा।

कवि राजकीय महाविद्यालय सुजानगढ, जिला-चूरु में सह आचार्य हैं
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