क्यों आखिर ?
जयपुरPublished: Jul 09, 2020 04:31:53 pm
बढ़ती आत्महत्याओं पर चिंता जताते हुए बच्चों को संस्कारित और मजबूत बनाने का संदेश दे रही है यह रचना
कविता
डॉ. मीरा रामनिवास आज सुबह मैं
पढऩे बैठी पेपर
पहले पन्ने पर थी
चौंका देने वाली खबर
‘इंटरनेट पर आत्महत्या संबंधी
सामग्री तलाश रहे हैं लोग’
मन में सवाल उठा
आखिर क्यों
नकारात्मक विचारों के
शिकार हो रहे हैं लोग
क्यों कोई जिंदगी से
हार जाता है
मन में आत्मघात का
विचार लाता है
आखिर क्यों
थक जाता है जीवन से
जिजीविषा छोड़ देता है
क्यों सबके होते हुए
अकेला हो जाता है
क्या ये पीढ़ी जीवन संग्राम
लडऩा नहीं जानती
विषम परिस्थिति में
अपने को ढालना
नहीं जानती
राम ने वन में
चौदह वर्ष गुजार दिए
कृष्ण मथुरा को छोड़
द्वारका आ गए
ध्रुव निकल गया
सत्य की खोज में
श्रवण निकल गया
मन के बोझा में
कालीदास कठोर वचनों से
महाकवि बन गए
तुलसीदास
रामचरित मानस लिख गए
कृष्ण ने सारथि
बनकर
अर्जुन को राह दिखाई
वे जानते थे
कलयुग में मानव को
सारथि की जरूरत होगी
इसीलिए तो
राह दिखाने
गीता बनाई
बच्चों के कानों में
डालिए गीता ज्ञान
सीख जाएंगे जीना
नहीं खोएंगे अपनी जान।