काली आंधी ऊपर छाई,
मत डरना इस शोर से,
शाम भले ही हो भयानक,
पर हारेगी इक भोर से।
आज तिरंगा लहरा दो अब,
भारत के हर छोर से।
हो जाओ तैयार देख अब,
खतरा चारों ओर से। संकट की इस कठिन घड़ी में,
सब मिलजुल कर रहना एक।
जब बोलेंगे एक स्वर में,
दुश्मन देगा घुटने टेक।
जिसके मुंह में जीभ नहीं थी,
बोल रहे वो जोर से।
हो जाओ तैयार देख अब,
खतरा चारों ओर से।
मत डरना इस शोर से,
शाम भले ही हो भयानक,
पर हारेगी इक भोर से।
आज तिरंगा लहरा दो अब,
भारत के हर छोर से।
हो जाओ तैयार देख अब,
खतरा चारों ओर से। संकट की इस कठिन घड़ी में,
सब मिलजुल कर रहना एक।
जब बोलेंगे एक स्वर में,
दुश्मन देगा घुटने टेक।
जिसके मुंह में जीभ नहीं थी,
बोल रहे वो जोर से।
हो जाओ तैयार देख अब,
खतरा चारों ओर से।
आज दिखाओ हिन्दुस्तानी,
जज्बा भारतवासी का।
‘सुखजी’ चमको सीमा पर,
बन चंदा पूरणमासी का।
भिड़ जाओ हीरा बन के,
जो काटे लोह कठोर से।
हो जाओ तैयार देख अब,
खतरा चारों ओर से। हिन्द वीर तुम उठो आज सब,
गरजो पूरे जोर से।
हो जाओ तैयार देख अब,
खतरा चारों ओर से।
जज्बा भारतवासी का।
‘सुखजी’ चमको सीमा पर,
बन चंदा पूरणमासी का।
भिड़ जाओ हीरा बन के,
जो काटे लोह कठोर से।
हो जाओ तैयार देख अब,
खतरा चारों ओर से। हिन्द वीर तुम उठो आज सब,
गरजो पूरे जोर से।
हो जाओ तैयार देख अब,
खतरा चारों ओर से।