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मंजिल, रास्ते और जिंदगी नादां है वो जो मंजिलों पर नजरें टिकाए हुए हैं
उन्हें क्या मालूम रास्तों ने क्या गुल खिलाए हुए हैं
जिंदगी नाम है जिंदादिली से जीने का
फिर भी वो लोग बहुत कुछ पाने की रट लगाए हुए हैं
कभी ख़ुशी कभी गम जिंदगी के साए हैं
फिर भी वो हमेशा खुश रहने की जिद लगाए हुए हैं
यहां दिल सिर्फ भावनाओं से जीते जा सकते हैं
फिर भी लोग यहां तोहफों की प्रथा चलाए हुए हैं
मानो तो सभी अपने हैं वरना सभी पराए हैं
फिर भी न जाने क्यों लोग
अपने पराए का भेद बनाये हुए हैं
कहते हैं सब मालूम है कि जिंदगी को कैसे जीया जाए
फिर भी दिखावे के भ्रम में भरमाए हुए हैं
एक ख़ुशी की चाहत में इतने पगलाए हुए हैं
कि झाूठ बोलते बोलते खुद को झाुठलाए हुए हैं
भरे बाजार में बोलना आता है यहां लोगों को
पर खुद से नजरें मिलाने पर घबराए हुए हैं
यह सब देख समझा में नहीं आता कि जिंदगी क्या है
इसे जीने के लिए यहां आए हंै या दिखाने के लिए आए हुए हैं
नादान है वो जो मंजिलों पर नजरें टिकाए हुए हैं
उन्हें क्या मालूम रास्तों ने क्या गुल खिलाए हुए हैं
कवि मोटिवेशनल स्पीकर हैं
मंजिल, रास्ते और जिंदगी नादां है वो जो मंजिलों पर नजरें टिकाए हुए हैं
उन्हें क्या मालूम रास्तों ने क्या गुल खिलाए हुए हैं
जिंदगी नाम है जिंदादिली से जीने का
फिर भी वो लोग बहुत कुछ पाने की रट लगाए हुए हैं
कभी ख़ुशी कभी गम जिंदगी के साए हैं
फिर भी वो हमेशा खुश रहने की जिद लगाए हुए हैं
यहां दिल सिर्फ भावनाओं से जीते जा सकते हैं
फिर भी लोग यहां तोहफों की प्रथा चलाए हुए हैं
मानो तो सभी अपने हैं वरना सभी पराए हैं
फिर भी न जाने क्यों लोग
अपने पराए का भेद बनाये हुए हैं
कहते हैं सब मालूम है कि जिंदगी को कैसे जीया जाए
फिर भी दिखावे के भ्रम में भरमाए हुए हैं
एक ख़ुशी की चाहत में इतने पगलाए हुए हैं
कि झाूठ बोलते बोलते खुद को झाुठलाए हुए हैं
भरे बाजार में बोलना आता है यहां लोगों को
पर खुद से नजरें मिलाने पर घबराए हुए हैं
यह सब देख समझा में नहीं आता कि जिंदगी क्या है
इसे जीने के लिए यहां आए हंै या दिखाने के लिए आए हुए हैं
नादान है वो जो मंजिलों पर नजरें टिकाए हुए हैं
उन्हें क्या मालूम रास्तों ने क्या गुल खिलाए हुए हैं
कवि मोटिवेशनल स्पीकर हैं