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रक्षाबंधन

locationजयपुरPublished: Aug 02, 2020 04:41:54 pm

Submitted by:

Chand Sheikh

भाई-बहिन के अटूट स्नेह को व्यक्त कर रही हैं ये रचनाएं

रक्षाबंधन

रक्षाबंधन

कविताएं
शिखा सिंघवी

कैसी ये विडंबना है आई,
याद कर रही बहन को भाई की कलाई!
बोल रही है बहना…
बांध लेना भैया तुम एक रेशम की डोर,
सच ही है ये कहना..
भाई बहन का रिश्ता जग में सबसे हैं अनमोल!
माना कि प्रेम का ये बंधन नहीं है मोहताज किसी डोर का,
पर फिर भी कर रहा है इंतजार दिल उस पूनम की भोर का!
बचपन में जो अठखेलियां होती थी भाई और बहन की,
उम्र के साथ बढ़ा देती है जिंदगी एक दूजे की फिक्र भी!
रक्षाबंधन त्योहार है ही खास इतना,
बहन का मान सम्मान उतना भाई का लाड जितना!
उसकी पसंद नापसंद का कहां खयाल होता था पहले,
आज भाई की पसंद के व्यंजन और बहन के लिए शॉपिंग होती है पहले!
देखती हूं जब मेरे ही बच्चों को राखी पर करते हुए बचपना,
याद आ जाते हैं वो पल..
हमारा भी था ऐसा ही रूठना और मनाना!
लाते थे वो ढेर सारे तोहफे मेरी ही पसंद के,
पर हक था मेरा भी नखरे दिखाना!
जीवन कहां बदला है… दुनिया भर की ख़ुशियां मिले मेरे भाई को
यही होता है हर बहन का सपना,
कोई गम की परछाई न छू सके बहन को
जब भाई कहे ‘मैं हूं ना’!
आज भी दुआ करती हूं यही मेरे रब से
जिंदगी की हर दौड़ में भाई मेरे ही आगे हो सबसे…
—–
यही उपहार चाहिए
अनुराधा देशमुख

आया राखी का पावन त्यौहार
बहन भाई के लिए है यह खास
सावन में आती राखी
बहन से भाई को मिलाती राखी
इस बार न आ पाऊंगी भैया
कोरोना यह तूने क्या किया
बहन से भाई को जुदा किया
ला दी है हर तीज-त्यौहार में दूरी
पर हम भी करेंगे डटकर मुकाबला तेरा
घर में ही रहेंगे ना निकलेंगे बाहर
आप भी ना होना भैया परेशान
न निकलना घर से
हां यही उपहार चाहिए मुझे इस बार
और एक वादा कीजिए भैया
बिना मास्क के घर से ना निकलोगे
रखना 2 गज की दूरी हमेशा
जिन हाथों से देते हो मुझे आशीर्वाद
करना उनको सेनीटाइज बार-बार
हां यही उपहार चाहिए मुझे इस बार
मत होना बहनों तुम उदास
भैया मेरा तू सलामत रहे करना सब यही दुआ
बांध ने पाऊंगी भैया अपने स्नेह की डोर इस बार
पर जब तक रवि-शशि करते विचरण
गंगा-यमुना है साक्षी
तब तक रक्षा करें
बहना की प्यारी राखी।।
सभी भाइयों को समर्पित
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