इधर एग्जिट पोलों में सीटों की संख्या भी अजीब है। कोई एक पार्टी को 150 प्लस बता रहा है तो दूसरा उसी पार्टी को 50 पर ही निपटा रहा है। सोशल मीडिया के पत्रकार तो ज्योतिषियों से भी कम नजर नहीं आ रहे हैं। वे आकलन ऐसे बता रहे है कि जैसे ग्राउंड पर ही जाकर आए हैं। हकीकत तो यह है कि जो एक माह से ग्राउंड पर रहकर चुनाव कैम्पेनिंग कर रहे थे, वे ही हकीकत बताने से कतरा रहे हैं। वे ही खुलकर नहीं बता पा रहे हैं कि कौन जीत रहा है और कौन हार रहा है। हमसे भी एक वोटर टकरा गया। सीधा ही बोला, इस बार तो फलां पार्टी की 125 सीटें आ रही हैं। हमने भी पूछ लिया, भैय्या, इतना सटीक अनुमान कैसे। वोटर भी बोला, देख लेना। भले ही शर्त लगा लो। हमने भी पूछ लिया क्या आप इन 125 सीटों में एक-एक के बारे में बता सकते हैं। इतना कहना था कि वे बोला, इतना मुझे थोड़े मालूम है। उससे ज्यादा पूछा तो वह मुश्किल बीस सीटों के नाम ही बता पाया और इस भाई ने एग्जिट पोल कर डाला 200 सीटों का। गजब का एग्जिट पोल है भाई।
इधर कुछ सोशल मीडिया एग्जिट पोल से भी आगे निकल गए हैं। पार्टी भी इन्होंने जिता दी है और सीएम व मंत्री तक बना डाले हैं। फलां पार्टी जीती तो कौन बनेगा सीएम, और कौन-कौन बन सकते हैं मंत्री। खैर…तीन दिसम्बर तक तो आप भी सोशल मीडिया के आकलनों का आनंद लीजिए। फिर तो सच्चाई सामने आ ही जाएगी।
-शहरवासी