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जयपुर

साथियों ने ही बढ़ाया मदद का हाथ

पुलिस शहीद दिवस विशेष… प्रदेश में राजसमंद पुलिस की अनूठी पहल -अब तक 17 जवानों के परिजनों को दिए 76 लाख थाना, चौकी व दफ्तरों में कार्यरत पुलिसकर्मियों की किसी भी जगह व परिस्थिति में अकाल मृत्यु होने पर तात्कालिक तौर पर उनके परिजनों की सहायता के लिए जिलेभर के पुलिसकर्मियों ने स्वैच्छिक आर्थिक सहयोग की अनूठी परंपरा शुरू की। सबसे पहले जिला पुलिस अधीक्षक दफ्तर में कार्यरत हैड कांस्टेबल पूरणसिंह की आकस्मिक मृत्यु होने पर पुलिस लाइन में आयोजित शोकसभा में कुछ पुलिसकर्मियों ने स्वेच्छा से साथी के परि

जयपुरOct 21, 2019 / 01:05 am

jagmendra

साथियों ने ही बढ़ाया मदद का हाथ

साथियों ने ही बढ़ाया मदद का हाथ

लक्ष्मणसिंह राठौड़. राजसमंद

आमजन में सुरक्षा व आपराधिक गतिविधियों पर अंकुश लगाने में दिन-रात प्रयासरत पुलिस जवान की घटना, दुर्घटना या बीमारी से मौत होने पर सरकार से कोई अतिरिक्त सहायता नहीं मिलती और परिवीक्षाकाल में मौत होने पर सेवा नियमों के परिलाभ भी परिजनों को नहीं मिल पाते। ऐसे ही दो नवनियुक्त जवानों की मौत के बाद जब सरकार की तरफ से एक भी रुपया नहीं मिला, तो राजसमंद जिले के 1200 पुलिसकर्मियों, अधिकारियों ने एक दिन का वेतन संग्रहित कर आहत परिजनों को साढ़े 4 लाख का सम्बल देने की परंपरा शुरू कर दी। अब तक 17 जवानों के परिजनों को करीब 76 लाख रुपए दिए जा चुके हैं, जबकि 5 जवानों के परिजनों को सहायता राशि देने की कार्रवाई प्रक्रियाधीन है। प्रत्येक परिवार को साढ़े चार से पांच लाख रुपए की सहायता राशि दी गई है। समूचे राजस्थान में राजसमंद पुलिस की यह अनूठी पहल है।
थाना, चौकी व दफ्तरों में कार्यरत पुलिसकर्मियों की किसी भी जगह व परिस्थिति में अकाल मृत्यु होने पर तात्कालिक तौर पर उनके परिजनों की सहायता के लिए जिलेभर के पुलिसकर्मियों ने स्वैच्छिक आर्थिक सहयोग की अनूठी परंपरा शुरू की। सबसे पहले जिला पुलिस अधीक्षक दफ्तर में कार्यरत हैड कांस्टेबल पूरणसिंह की आकस्मिक मृत्यु होने पर पुलिस लाइन में आयोजित शोकसभा में कुछ पुलिसकर्मियों ने स्वेच्छा से साथी के परिजनों को सहायता राशि संग्रहित देने की पहल की। तब तत्कालीन एसपी संतोष चालके से लेकर अन्य अधिकारी व पुलिसकर्मियों ने स्वेच्छा से करीब एक लाख रुपए एकत्र कर उनके परिजनों को दी। फिर भीम थाने के कांस्टेबल महेंद्र की मृत्यु पर समस्त पुलिसकर्मियों ने एक एक दिन का वेतन संग्रहित कर दिया। उसके बाद 18 फरवरी 2015 से राजसमंद पुलिस की यह एक परंपरा ही बन गई, जिससे किसी भी पुलिसकर्मी की अकाल मृत्यु होती है, तो उसके परिजनों के लिए जिलेभर के तमाम अधिकारी व पुलिसकर्मी एक दिन का वेतन संग्रहित कर दे देते हैं।
अब तक इन्हें दी
कांस्टेबल राजपाल, जगदीश, भूपेश गौरवा, वर्दीशंकर, कैलाशचंद्र, जगदीश प्रसाद, लालसिंह, रणसिंह, रमेशचंद्र, प्रकाशसिंह, नारायणसिंह, जयसिंह, रामसिंह, विजयसिंह, भोपालसिंह, एएसआई लक्ष्मणसिंह, हैड कांस्टेबल रमेशचंद्र के परिवार को आर्थिक सहायता राशि दी गई। इसी तरह भीम थाने के हैड कांस्टेबल अब्दुल गनी, रेलमगरा थाने के कांस्टेबल राजेंद्र मीणा, पुलिस लाइन के फतहसिंह, मोही के गणेशलाल पूर्बिया व अलवर के बलवंत को सहायता राशि जारी करने की कार्रवाई अंतिम चरण में है।
इलाज के लिए भी मदद

खमनोर थाने के कांस्टेबल धनोली (आमेट) निवासी जनक सिंह चारण गुंजोल के पास सड़क हादसे में गंभीर घायल हो गए। कोमा में आ गए और करीब दो वर्ष से आज भी बेड रेस्ट पर है। परिवार की आर्थिक स्थिति कमजोर होने पर प्रत्येक पुलिसकर्मी द्वारा 120 रुपए के आधार पर करीब सवा लाख रुपए जुटाकर उपचार के लिए मदद की।
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आहत को परिवार को आर्थिक सम्बल

किसी भी पुलिसकर्मी की मृत्यु होने पर जिलेभर में पुलिस के सभी जवान, अधिकारी व मंत्रालयिक कार्मिक करीब एक दिन का वेतन संग्रहित करते हैं। आहत परिवार को आर्थिक सम्बल मिलता है। यह परम्परा पांच वर्ष से जारी है।
भुवन भूषण यादव, जिला पुलिस अधीक्षक
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