एडिशनल पुलिस कमिश्नर अशोक गुप्ता ने बताया कि आरोपी अभिषेक रंजन ने गत दिसम्बर में रेलवे बोर्ड में हाई लेवल पोस्ट इंचार्ज सौरभ शुक्ला बनकर विधायक महर्षि को फोन किया और उन्हें झांसा दिया कि उनके विधानसभा क्षेत्र में रेलवे का बड़ा काम होने वाला है। इसके लिए कोई अच्छा ठेकेदार बताएं। तब विधायक महर्षि ने जयपुर में सिरसी रोड स्थित अमर नगर निवासी प्रकाशचंद यादव को आरोपी का मोबाइल नंबर दे संपर्क करने के लिए कहा।
पीडि़त प्रकाशचंद ने आरोपी से संपर्क किया तो उसने झांसा दिया कि 11 करोड़ रुपए का प्रोजेक्ट है। इसके लिए 11 लाख रुपए अर्नेस्ट मनी मांगी। पीडि़त प्रकाशचंद आरोपी अभिषेक के झांसे में आ गया और 3.82 लाख रुपए उसके बताए बैंक खाते में जमा करवा दिए। इसके दो दिन बाद आरोपी का मोबाइल बंद हो गया, तब ठगी का पता चलने पर कमिश्नरेट स्थित स्पेशल ऑफेंसेज एण्ड साइबर क्राइम थाने में 30 दिसम्बर को मामला दर्ज करवाया था।
विधायकों के जरिए ही ठगी के लिए फंसाता पुलिस ने बताया कि राजस्थान और मध्यप्रदेश में आरोपी अभिषेक रंजन ने सभी ठगी की वारदात से पहले संबंधित विधायकों को फोन कर विश्वास में लिया। फिर ठेकेदारों को काम देने का झांसा दे खुद के बैंक खाते में रकम डलवा लेता था। राजस्थान में लूनी विधायक महेन्द्र सिंह के परिचित ठेकेदार हनुमान राम से 6.97 लाख रुपए और राजस्थान के ही एक अन्य विधायक के परिचित सतीश कुमार से 65 हजार रुपए ठग चुका है।
इसी प्रकार मध्यप्रदेश के मंदसौर में ठेकेदार अजय आर्य से 6.49 लाख रुपए ठगी कर चुका। मंदसौर पुलिस ने आरोपी अभिषेक व दो अन्य साथियों को इसी मामले में गिरफ्तार किया था। तब पूछताछ में आरोपी अभिषेक ने बताया कि वह विधायक बनना चाहता है और एक बार बिहार में विधानसभा का चुनाव भी लड़ चुका है।