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पुलिस ने पिता-पुत्र को हिरासत में पीट-पीटकर मार डाला, देश में रोष

locationजयपुरPublished: Jun 28, 2020 12:50:51 am

Submitted by:

Vijayendra

भारत का जॉर्ज फ्लॉयड: लॉकडाउन इफेक्ट
 

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चेन्नई ञ्च पत्रिका. तमिलनाडु के तुतुकुड़ी में न्यायिक हिरासत में लिए गए पिता-पुत्र की कस्टडी में मौत के मामले ने तूल पकड़ लिया है। इसकी तुलना अमरीका में जॉर्ज फ्लॉयड की हिरासत में हत्या से की जा रही है।
इसी बीच मद्रास हाईकोर्ट ने कोविलपट्टी न्यायिक मजिस्ट्रेट को जांच के संबंध में कई निर्देश जारी किए हैं। जस्टिस पी.एन. प्रकाश एवं जस्टिस बी.पुगलेंदी की खंडपीठ ने कहा कि मृतक के परिजन बड़े तनाव में हैं। मजिस्ट्रेट को सतानकुलम जाकर उनके बयान दर्ज करने चाहिए। साथ ही पुलिस स्टेशन और सब-जेल जाकर जरूरी दस्तावेज जैसे मेडिकल रिकार्ड आदि लेने चाहिए। फोटोग्राफ एवं सीसीटीवी फुटेज भी लिया जाना चाहिए। इसी बीच सोशल मीडिया पर दोनों की मौत को लेकर तेज हो रहे विरोध के बाद कुछ पुलिस अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की गई है। इसके तहत चार पुलिसकर्मियों को सस्पेंड कर दिया गया है। इसके अलावा एक इंस्पेक्टर का ट्रांसफर किया गया है। मामला 19 जून का है।
मनोवैज्ञानिक काउंसलिंग हो
मद्रास हाईकोर्ट की मदुरै बेंच ने शुक्रवार को कहा कि पुलिसकर्मियों की मनोवैज्ञानिक काउंसलिंग होनी चाहिए ताकि वे ऐसी स्थिति से शांत रहते हुए निपटें। खंडपीठ ने कहा कि कोरोना संकट के कारण तनाव से पुलिस इन स्थितियों पर ओवररिएक्ट कर रही है। सरकार द्वारा पुलिस कर्मियों के काम के तनाव को दूर करने के लिए उपाय किए जाने चाहिए।
मिलने नहीं दिया गया था परिजनों से
शक्तिशाली नाडर व्यापारी समुदाय से ताल्लुक रखने वाले पी. जयराज और उनके बेटे जे. बेनिक्स की सात बजे के बाद भी दुकान खुली रखने को लेकर पुलिसवालों से बहस हो गई। कोरोना महामारी के मद्देनजर ऐसा निर्देश था कि शहर में सात बजे के बाद सभी दुकानें बंद कर दी जाएंगी। इसी बात पर बहस के बाद पुलिस जयराज और उनके बेटे को थाने ले आई थी। हिरासत में लिए जाने के दो ही दिन बाद दोनों की कस्टडी में ही मौत हो गई। मृतक के परिजन का आरोप है कि कस्टडी में दोनों के साथ पुलिस ने बर्बरतापूर्वक बर्ताव किया। परिजन ने बताया कि 20 जून को वे लोग दोनों से मिलने पुलिस थाने गए थे। इस दौरान उन्हें पुलिस के लिए गाड़ी का इंतजाम करने को कहा गया ताकि वे जयराज और बेनिक्स को अस्पताल ले जा सकें। परिवार को दोनों से मिलने नहीं दिया गया। पुलिस अधिकारी लगातार बाप-बेटे को घेरे हुए थे।

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