अलग-अलग वॉट्सऐप गु्रप
पुलिस ने बताया कि तीनों आरोपियों ने अलग-अलग वॉट्सऐप गु्रप बना रखे थे। धनराज ने धन-सीडी, ऋ षभ ने ऋ षभ-सीडी और तपिश ने तपिश-सीडी नाम से गु्रप बना रखे थे। धनराज के गु्रप में सोहेल, यश और शुभम् पटेल जुड़े हुए हैं। तपिश के गु्रप में धनराज, सोहिल, यश और शुभम् जुड़े हुए हैं। साथ ही ऋ षभ के गु्रप में धनराज, सोहेल, यश और शुभम् पटेल हैं। पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि एक ऐप के आइडी पासवर्ड अहमदाबाद में गैंग ऑपरेट कर रहे सोहेल, यश और शुभम के पास थे। ये तीनों यूएसए के व्यक्तियों का डाटा गु्रप में भेजते थे। इसके बाद आरोपी लोगों को फोन कर कम ब्याज पर लोन देने का झांसा देते थे। फ्लैट भी सोहेल ने उपलब्ध करवाया था।
पुलिस ने बताया कि तीनों आरोपियों ने अलग-अलग वॉट्सऐप गु्रप बना रखे थे। धनराज ने धन-सीडी, ऋ षभ ने ऋ षभ-सीडी और तपिश ने तपिश-सीडी नाम से गु्रप बना रखे थे। धनराज के गु्रप में सोहेल, यश और शुभम् पटेल जुड़े हुए हैं। तपिश के गु्रप में धनराज, सोहिल, यश और शुभम् जुड़े हुए हैं। साथ ही ऋ षभ के गु्रप में धनराज, सोहेल, यश और शुभम् पटेल हैं। पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि एक ऐप के आइडी पासवर्ड अहमदाबाद में गैंग ऑपरेट कर रहे सोहेल, यश और शुभम के पास थे। ये तीनों यूएसए के व्यक्तियों का डाटा गु्रप में भेजते थे। इसके बाद आरोपी लोगों को फोन कर कम ब्याज पर लोन देने का झांसा देते थे। फ्लैट भी सोहेल ने उपलब्ध करवाया था।
15-20 हजार रुपए था वेतन
पुलिस ने बताया कि गिरोह के संचालक आरोपियों को 15-20 हजार रुपए मासिक वेतन देते थे। इन आरोपियों को विदेश में बात करने से पहले ट्रेनिंग दी गई थी। ये विदेशी लोगों से इस तरह से अंग्रेजी बोलते थे कि किसी को शक भी नहीं होता था। पूरी रात फोन पर विदेशियों को झांसा देते थे। सोहेल इन्हें मोबाइल नंबर देता था। आरोपियों को लोगों को फंसाने के लिए टारगेट मिलता था।
पुलिस ने बताया कि गिरोह के संचालक आरोपियों को 15-20 हजार रुपए मासिक वेतन देते थे। इन आरोपियों को विदेश में बात करने से पहले ट्रेनिंग दी गई थी। ये विदेशी लोगों से इस तरह से अंग्रेजी बोलते थे कि किसी को शक भी नहीं होता था। पूरी रात फोन पर विदेशियों को झांसा देते थे। सोहेल इन्हें मोबाइल नंबर देता था। आरोपियों को लोगों को फंसाने के लिए टारगेट मिलता था।
यों फंसाते: पहले खाते में डालते 5-10 डॉलर, फिर करते ठगी
पुलिस ने बताया कि आरोपी यूएसए के लोगों को एक ऐप द्वारा कम ब्याज दर पर लोन देने के लिए झांसा देकर उनको मैसेज करते हैं। उस टेक्स्ट मैसेज पर आइप्लम ऐप के कॉलिंग नंबर अंकित होते हैं। जिस व्यक्ति को लोन की जरूरत होती थी, वह दिए गए नंबरों पर फोन करता है। आरोपी यूएसए के व्यक्तियों से अंग्रेजी में बात कर कम ब्याज दर पर लोन देने का झांसा देकर बैंक खाते की यूजर आइडी और पासवर्ड एवं जरूरी कागजात, उनके डेबिट कार्ड, क्रेडिट कार्ड की जानकारी लेकर अहमदाबाद में बैठे अपने साथी सोहेल, यश और शुभम को देते थे। आरोपियों के अहमदाबाद के साथी संबंधित व्यक्ति के बैंक खाते में पांच से दस डॉलर डालते ताकि व्यक्ति को विश्वास हो जाए कि उसका लोन पास हो गया है। इसके बाद उस व्यक्ति का अकाउंट हैक करके यूजर आइडी और पासवर्ड से लॉगिन करके इंटरनेट बैंकिंग के जरिए अमरीका के लोगों के साथ धोखाधड़ी करते थे।
पुलिस ने बताया कि आरोपी यूएसए के लोगों को एक ऐप द्वारा कम ब्याज दर पर लोन देने के लिए झांसा देकर उनको मैसेज करते हैं। उस टेक्स्ट मैसेज पर आइप्लम ऐप के कॉलिंग नंबर अंकित होते हैं। जिस व्यक्ति को लोन की जरूरत होती थी, वह दिए गए नंबरों पर फोन करता है। आरोपी यूएसए के व्यक्तियों से अंग्रेजी में बात कर कम ब्याज दर पर लोन देने का झांसा देकर बैंक खाते की यूजर आइडी और पासवर्ड एवं जरूरी कागजात, उनके डेबिट कार्ड, क्रेडिट कार्ड की जानकारी लेकर अहमदाबाद में बैठे अपने साथी सोहेल, यश और शुभम को देते थे। आरोपियों के अहमदाबाद के साथी संबंधित व्यक्ति के बैंक खाते में पांच से दस डॉलर डालते ताकि व्यक्ति को विश्वास हो जाए कि उसका लोन पास हो गया है। इसके बाद उस व्यक्ति का अकाउंट हैक करके यूजर आइडी और पासवर्ड से लॉगिन करके इंटरनेट बैंकिंग के जरिए अमरीका के लोगों के साथ धोखाधड़ी करते थे।