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महिला शिक्षकों को अश्लील कॉल करता था नाबालिग, इंटरनेट फोन का करता था इस्तेमाल

locationजयपुरPublished: Jul 12, 2019 12:17:48 pm

Submitted by:

neha soni

राजस्थान विश्वविद्यालय की महिला शिक्षकों को अश्लील कॉल करने वाला पकड़ा

Police detained minor for molesting women professors

महिला शिक्षकों को अश्लील कॉल करता था नाबालिक, इंटरनेट फोन का करता था इस्तेमाल


जयपुर।
राजस्थान विश्वविद्यालय की 68 महिला टीचर्स को इंटरनेट से फोन कर अभद्रता करने वाले को आखिरकार हरियाणा के हिसार से पकड़ा गया। पुलिस उस तक पहुंची तो उसे देख दंग रह गई। आरोपी 12वीं कक्षा का पढऩे वाला छात्र है और उसके पिता हिसार की गुरू जम्बेशवर यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर हैं। सबूत के तौर पर आरोपी का कम्प्यूटर व अन्य सामग्री जब्त करने के चलते गुरुवार रात तक पुलिस टीम हरियाणा में ही थी, ताकि सबूत नष्ट नहीं किए जा सकें।
नेटवर्किंग व साइबर में एक्सपर्ट है आराेपी

आरोपी को पुलिस आज जयपुर लेकर पहुंच गई विश्वविद्यालय की ओर से गांधीनगर थाना पुलिस में मुकदमा दर्ज करवाने के बाद तीन दिन में ही पुलिस ने साइकाे काॅलर को पकड़ लिया। डीसीपी ईस्ट राहुल जैन के नेतृत्व में पुलिस ने तीन टीम बनाई थी। जिसमें गांधीनगर थाना एसएचओ नेमीचंद,एसआई गुंजन और कॉन्स्टेबल कमल सहित अन्य ने नाबालिग आरोपी को डिक्टेट कर पकड़ लिया। नाबालिग आरोपी की उम्र करीब 16 साल है। आराेपी नेटवर्किंग व साइबर का एक्सपर्ट है। आराेपी ने एक महिला प्रोफेसर काे पार्सल भेजा था। पार्सल में क्रीम थी। उस पार्सल की पुलिस ने जांच पड़ताल की ताे सामने आया कि पार्सल हिसार से बुक कराया गया था। इसी पार्सल के जरिए पुलिस आरोपी तक पहुंच गई। हालांकि आरोपी नाबालिग होने पर उसे निरूद्ध किया जाएगा।
विश्वविद्यालय ने दबाए रखा मामला


महिला शिक्षिकाओं के पास फोन आने की शिकायत विश्वविद्यालय प्रशासन के पास पहले ही पहुंच चुकी थी। लेकिन विश्वविद्यालय मामले को दबाए रखा और महिला शिक्षिकाओं की ओर से शिकायत करने के बाद भी पुलिस में एफआईआर तक दर्ज नहीं करवाई। वहीं विश्वविद्यालय के पास महिला प्रोफेसर्स ने पहले शिकायत कर दी थी लेकिन विश्वविद्यालय प्रशासन उनकी शिकायत को लेकर बैठा रहा।
हालांकि एक महिला शिक्षिका ने अपने स्तर पर महेशनगर थाना पुलिस में शिकातय तीन जुलाई को दे दी थी। लेकिन जब मामला उच्च शिक्षा विभाग तक पहुंचा तो उन्होंने दखलअंदाजी की तो विश्वविद्यालय ने गांधीनगर थाने में एफआईआर दी। इसके बाद भी विश्वविद्यालय की महिला शिक्षिकाओं ने पुलिस का सहयोग नहीं किया और किसी ने भी फोन की रिकॉडिंग पुलिस को जांच के लिए यह कहते हुए उपलब्ध नहीं करवाई कि इसमें उनकी निजी बातें हैं। जिस कारण पुलिस को विश्वविद्यालय से सहयोग नहीं मिला। जानकारी के अनुसार विश्वविद्यालय में कानून की पढ़ाई करवाने वाली शिक्षिकाओं तक ने पुलिस का सहयोग नहीं किया।
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