नेटवर्किंग व साइबर में एक्सपर्ट है आराेपी आरोपी को पुलिस आज जयपुर लेकर पहुंच गई विश्वविद्यालय की ओर से गांधीनगर थाना पुलिस में मुकदमा दर्ज करवाने के बाद तीन दिन में ही पुलिस ने साइकाे काॅलर को पकड़ लिया। डीसीपी ईस्ट राहुल जैन के नेतृत्व में पुलिस ने तीन टीम बनाई थी। जिसमें गांधीनगर थाना एसएचओ नेमीचंद,एसआई गुंजन और कॉन्स्टेबल कमल सहित अन्य ने नाबालिग आरोपी को डिक्टेट कर पकड़ लिया। नाबालिग आरोपी की उम्र करीब 16 साल है। आराेपी नेटवर्किंग व साइबर का एक्सपर्ट है। आराेपी ने एक महिला प्रोफेसर काे पार्सल भेजा था। पार्सल में क्रीम थी। उस पार्सल की पुलिस ने जांच पड़ताल की ताे सामने आया कि पार्सल हिसार से बुक कराया गया था। इसी पार्सल के जरिए पुलिस आरोपी तक पहुंच गई। हालांकि आरोपी नाबालिग होने पर उसे निरूद्ध किया जाएगा।
विश्वविद्यालय ने दबाए रखा मामला
महिला शिक्षिकाओं के पास फोन आने की शिकायत विश्वविद्यालय प्रशासन के पास पहले ही पहुंच चुकी थी। लेकिन विश्वविद्यालय मामले को दबाए रखा और महिला शिक्षिकाओं की ओर से शिकायत करने के बाद भी पुलिस में एफआईआर तक दर्ज नहीं करवाई। वहीं विश्वविद्यालय के पास महिला प्रोफेसर्स ने पहले शिकायत कर दी थी लेकिन विश्वविद्यालय प्रशासन उनकी शिकायत को लेकर बैठा रहा।
हालांकि एक महिला शिक्षिका ने अपने स्तर पर महेशनगर थाना पुलिस में शिकातय तीन जुलाई को दे दी थी। लेकिन जब मामला उच्च शिक्षा विभाग तक पहुंचा तो उन्होंने दखलअंदाजी की तो विश्वविद्यालय ने गांधीनगर थाने में एफआईआर दी। इसके बाद भी विश्वविद्यालय की महिला शिक्षिकाओं ने पुलिस का सहयोग नहीं किया और किसी ने भी फोन की रिकॉडिंग पुलिस को जांच के लिए यह कहते हुए उपलब्ध नहीं करवाई कि इसमें उनकी निजी बातें हैं। जिस कारण पुलिस को विश्वविद्यालय से सहयोग नहीं मिला। जानकारी के अनुसार विश्वविद्यालय में कानून की पढ़ाई करवाने वाली शिक्षिकाओं तक ने पुलिस का सहयोग नहीं किया।