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खाकी को रास आई दोस्ती, लॉकडाउन में काम हुए आसान

locationजयपुरPublished: May 25, 2020 04:24:56 pm

Submitted by:

Devendra Sharma

— पुलिस मित्रों ने लॉकडाउन के दौरान कंधे से कंधा मिलाकर किया काम— चारदीवारी के संवेदनशील इलाकों में लॉकडाउन की पालना में अहम किरदार निभा रहे

खुलासा: लोगों को कोरोना वायरस नहीं बल्कि इस बात का सता रहा डर, पढ़ें ये रिपोर्ट

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देवेन्द्र शर्मा . जयपुर। करीब दस महीने पहले शुरू की गई पुलिस मित्र योजना का असर अब दिख रहा है। लॉकडाउन के दौरान कंधे से कंधा मिलाकर के पुलिस मित्रों ने पुलिस का भरपूर सहयोग किया है। इनके काम की पुलिस भी कायल हो गई है, क्योंकि आमजन के बीच पुलिस की पहुंच भी तो बनी है। रामगंज, माणकचौक, सुभाष चौक जैसे संवेदनशील इलाकों में लॉकडाउन की पालना व मेडिकल टीम के सर्वे इनकी मदद के बिना थोड़ा मुश्किल थे। पुलिस आयुक्तालय क्षेत्र में करीब 3 हजार पुलिस मित्र है। इनमें से आधे से भी ज्यादा लॉकडाउन के दौरान पुलिस से सीधे जुड़े रहे। खासतौर पर चारदीवारी इलाके में इन्होंने जिस तरह से काम किया, उससे अब पुलिस हमेशा के लिए इनसे जुड़ा रहना चाहती है।
ऐसे काम हुआ आसान

चारदीवारी में कोविड—19 के केस शुरुआत में जब सामने आए तो आमजन दिशा—निर्देशों को मानने को तैयार नहीं था। कई तरह के भ्रामक और भडकाउ मैसेज वायरल कर पुलिस व मेडिकल टीम के विरुद्ध दुष्प्रचार किया गया। लेकिन जब उन्हीं लोगों के बीच के पुलिस मित्रों की मदद ली तो गली—गली में पुलिस की पहुंच बन गई। लोगों को जागरूक किया गया, सहयोग की अपील भी कारगर सिद्ध हुई। संकरी गलियों में सोशल डिस्टेंसिंग की पालना नहीं होने और पुलिस वहां तक नहीं पहुंच सकती थी तो इन्होंने वहां रहते हुए कार्य किया।
सेनिटाइजर टनल और गश्त भी

चारदीवारी के अलावा बगरू, चौमूं इलाके में भी पुलिस मित्रों के कार्य की सराहना हुई है। बगरू थाने में पुलिसमित्रों के द्वारा बनाई पहली आॅटोमैटिक सेनिटाइजर टनल लगाई गई। जिसका खुद अतिरिक्त पुलिस आयुक्त ने निरीक्षण किया। इस पहल को देखकर अन्य थाना इलाकों में भी टनल बनाई गई। चौमूं इलाके में पुलिस मित्रों ने आमजन को बेहतर तरीके से जागरूक करने का प्रयास किया। जानकारी यह भी सामने आई है कि अब तो पुलिस के साथ में मित्र रात्रि गश्त भी करते हैं।
सहयोग बनाए रखेगी पुलिस

पुलिस अधिकारियों की मानें तो पुलिस मित्रों के कार्य से वह इतना प्रभावित है कि आगे भी इसे जारी रखेंगे। भविष्य में एक आॅरिएंटेशन प्रोग्राम रखकर के इंट्रेक्शन और ट्रेनिंग भी दी जाएगी। चारदीवारी में तो पुलिस की बजाय एक दिन 400 से अधिक पुलिस मित्रों से फ्लेग मार्च करवाया था। इन्हें पहचान के तौर पर पुलिस मित्र लिखी हुई टी—शर्ट भी गई।
ऐसे किया सहयोग—

— आमजन के बीच जागरूकता अभियान चलाकर
— पुलिस के लिए जरूरी सूचनाएं पहुंचाई
— कफ्र्यू प्रभावित इलाकों में जरूरतमंद तक मदद पहुंचाई
— पुलिस के साथ गश्त व संवेदनशील इलाकों में जाना
— अपराध व संदिग्धों के बारे में भी दे रहे जानकारी
— 3 हजार के करीब पुलिस मित्र है। लॉकडाउन के दौरान बहुत अच्छा कार्य किया है। भविष्य में ट्रेनिंग और इंट्रेक्शन के लिए कार्यक्रम आयोजित करेंगे।
— आनंद श्रीवास्तव, पुलिस आयुक्त जयपुर

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